जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनके वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं। लेकिन इसी बीच सीमा हैदर का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मसले पर सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए हैं और तीखा बयान दिया है।
ओवैसी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
ओवैसी ने प्रेस से बातचीत में कहा कि अगर 2019 में भारत सरकार ने “लॉन्चिंग पैड” की जमीन पर कब्जा कर लिया होता, तो हालात कुछ और होते। उन्होंने कहा, “अगर आतंकवादी उस जगह को छोड़कर चले गए हैं तो अब हमें उस पर नियंत्रण कर लेना चाहिए। अब की बार अगर कोई एक्शन हो रहा है, तो घर में घुसकर बैठ जाओ। पहले कहा था ‘घर में घुसकर मारेंगे’, अब आतंकवाद को खत्म करने के लिए अंदर जाकर टिक जाना चाहिए। सभी विपक्षी दल यही कह रहे हैं कि आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।”
सीमा हैदर पर ओवैसी का तंज
जब ओवैसी से पूछा गया कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से बाहर भेजा जा रहा है, क्या उनके बारे में सरकार को पारदर्शिता बरतनी चाहिए, तो उन्होंने सीमा हैदर का जिक्र छेड़ दिया। उन्होंने कहा, “अरे वो छोड़ दो भाई, जो लड़की यहां आकर बैठ गई है, उसको तो आप लोग पूछ भी नहीं रहे। क्या मामला है वो? अब तो जैसे उससे बड़ी मोहब्बत हो गई है सबको।”
पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। यह हमला पुलवामा के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। इसके बाद भारत ने न सिर्फ एयरस्पेस पाकिस्तान के लिए बंद कर दिया है, बल्कि उसके नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा, कई पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
भारतीय सेना ने हमले के जवाब में कश्मीर के कई संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। इस दौरान कई आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश करते हुए मारा भी गया है।
ओवैसी के बयान और सीमा हैदर को लेकर उनकी टिप्पणी ने इस मसले पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है कि भारत सरकार की आतंकवाद और विदेश नीति में दोहरा रवैया है या नहीं।