आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की है। अपने पत्र में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि “आपने दिल्ली के जाट समाज को धोखा दिया है। दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त जाटों और अन्य सभी जातियों को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।”
2015 और 2019 के वादों का जिक्र
केजरीवाल ने पत्र में कहा कि पिछले 10 सालों से जाट समाज को ओबीसी आरक्षण के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने 2015 में जाट समाज के नेताओं से मुलाकात के दौरान दिल्ली के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने का वादा किया था। इसके अलावा, 2019 में गृह मंत्री अमित शाह ने भी यही वादा किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि राजस्थान के जाट समाज के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में आरक्षण मिलता है, तो दिल्ली के जाट समाज को क्यों नहीं?
DU में दाखिले में परेशानी
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल न होने के कारण दिल्ली के जाट समाज के हजारों छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा, “दिल्ली में ओबीसी लिस्ट में शामिल होने के बावजूद केंद्र सरकार के संस्थानों में जाट समाज को लाभ नहीं दिया जा रहा है। न तो कॉलेज में दाखिला मिलता है और न ही नौकरियों में आरक्षण का फायदा।”
पीएम और गृह मंत्री पर निशाना
AAP प्रमुख ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने जाट समाज से वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुनाव से पहले वादे करते हैं और बाद में भूल जाते हैं। मोदी सरकार ने जाट समाज को आरक्षण देने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया।”
वादा याद दिलाने के लिए पत्र लिखा
केजरीवाल ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके उस वादे की याद दिलाई है, जो उन्होंने दिल्ली के जाट समाज से किया था। यह समय है कि सरकार अपने वादे को निभाए और जाट समाज को उनका हक दिलाए।” इस मुद्दे को लेकर जाट समाज में नाराजगी बढ़ रही है, और केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है।