चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को एक एडवायजरी जारी की है जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि आयोग ने भीड़ में अनुशासन बनाए रखने को लेकर दलों और उम्मीदवारों द्वारा की जा रही ढिलाई पर गंभीरता से विचार किया है।
इस महीने के अंत में बिहार में होने वाले तीन चरणों वाले विधानसभा चुनावों की शुरुआत होनी है। चुनाव आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाने के बावजूद चुनावी रैलियों में कोविड-19 से जुड़े नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
आयोग ने इन स्थितियों को देखते हुए एक विशेष दल बिहार भेजने का निर्णय भी लिया है। यह दल चुनाव के दौरान इन नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए नजर रखेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया था कि विशेष दल चुनाव में नामाकंन से लेकर मतदान तक की स्थिति पर निगरानी रखे गा।
डोर-टू-डोर अभियान प्रतिबंधों के अधीन है। उम्मीदवार सहित सिर्फ पांच लोगों को डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के लिए जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि इसमें सुरक्षा कर्मियों की संख्या को शामिल नहीं किया गया है।
वाहनों के काफिले को 10 वाहनों के बजाय हर पांच वाहनों के बाद तोड़ा जाना चाहिए। वाहनों के दो काफिले के बीच का अंतर 100 मीटर के अंतराल के बजाए आधा घंटा होना चाहिए। हर व्यक्ति चुनाव-संबंधी हर गतिविधि के दौरान फेस मास्क पहनेगा।
सभी व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। हर बूथ पर सैनेटाइजर, साबुन और पानी उपलब्ध कराना होगा। बूथ और मतगणना केंद्र के रूप में बड़े हॉल को चुना जाना चाहिए ताकि सामाजिक डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जा सके।
नामांकन फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। इसे ऑनलाइन भरा जा सकता है और जमा करने के लिए इसका प्रिंट निकाला जा सकता है। उम्मीदवार जमानत राशि ऑनलाइन जमा कर सकते हैं हालांकि नकद जमा कराने का विकल्प भी होगा। नामांकन जमा करने के लिए उम्मीदवार के साथ केवल दो व्यक्ति ही जा सकते हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान केवल दो वाहनों की अनुमति होगी। डिजिटल तरीके से ही प्रचार किया जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा।
मतगणना हॉल में सात से ज्यादा मतगणना टेबल की अनुमति नहीं होनी चाहिए। इसलिए, एक निर्वाचन क्षेत्र के मतों की गिनती के लिए तीन से चार हॉल लिए जा सकते हैं।बिहार के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 कर दी गई है।