देश के प्रमुख महानगरों—दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे—में ज़्यादातर कंपनियां अभी 5-दिवसीय वर्क वीक सिस्टम पर काम कर रही हैं। हालांकि, बढ़ते वर्क प्रेशर और वर्क-लाइफ बैलेंस की मांग को देखते हुए कर्मचारी लंबे समय से हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम और 3 दिन की छुट्टी की मांग कर रहे हैं।
दुनिया के कई देशों जैसे जापान, स्पेन और जर्मनी में कंपनियां 4-डे वर्क वीक को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपना रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत में भी यह मॉडल लागू हो सकता है? हाल ही में लेबर कानूनों में किए गए बदलाव इस दिशा में क्या संकेत देते हैं और क्या निजी कंपनियां इसे अपनाने के लिए तैयार होंगी?
सरकार ने 48 घंटे की साप्ताहिक सीमा तय की
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 12 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किए गए एक पोस्ट में 4-डे वर्क वीक की संभावना को लेकर स्थिति साफ की। मंत्रालय के मुताबिक, नए लेबर कानूनों के तहत किसी कर्मचारी से एक हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे ही काम कराया जा सकता है।
अपने ‘मिथबस्टर’ पोस्ट में मंत्रालय ने बताया कि संशोधित लेबर कोड में फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स का प्रावधान है। इसके तहत यदि कोई कंपनी 12 घंटे की शिफ्ट लागू करती है, तो कर्मचारी हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करके बाकी 3 दिन पेड छुट्टी ले सकते हैं।
12 घंटे की शिफ्ट में ब्रेक भी शामिल
श्रम मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि 12 घंटे की ड्यूटी में काम के दौरान मिलने वाले ब्रेक या स्प्रेड-ओवर का समय भी शामिल होगा। अगर कोई कंपनी तय सीमा से ज्यादा काम कराती है, तो उस अतिरिक्त समय के लिए ओवरटाइम माना जाएगा।
सरकार के अनुसार, साप्ताहिक 48 घंटे से अधिक काम कराने पर नियोक्ता को कर्मचारियों को ओवरटाइम के तौर पर दोगुना भुगतान करना अनिवार्य होगा।
क्या हैं नए लेबर कोड?
भारत सरकार ने 21 नवंबर 2025 को 29 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर उनकी जगह चार नए लेबर कोड लागू किए। सरकार का कहना है कि इनका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों को सरल और आधुनिक बनाना है।
इन चार नए कानूनों में— वेज कोड, 2019
इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, 2020
सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020, शामिल हैं।
कुल मिलाकर, नए लेबर कानूनों में 4-डे वर्क वीक की गुंजाइश जरूर बनाई गई है, लेकिन इसका अंतिम फैसला कंपनियों की कार्यप्रणाली और उनकी सहमति पर ही निर्भर करेगा।









