बिहार के बाहुबली और आरजेडी के चर्चित नेता मो.हाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से बड़ा झटका दिया है। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि शहाबुद्दीन को एक हफ्ते के भीतर सिवान जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कराया जाएं। बिहार के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन  के खिलाफ सिवान के ट्रायल कोर्ट में 45 अपराधिक मामलें चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट नें इन 45 केसों के बारे में कहा कि सभी केस सिवान कोर्ट में ही चलते रहेंगे और बिहार सरकार को आदेश दिया कि वह शहाबुद्दीन  के खिलाफ सभी मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने की व्यवस्था करें।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस बड़े फैसले को सुनाते हुए कहा कि ट्रांसफर के दौरान शहाबुद्दीन को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। कोर्ट ने कहा निष्पक्ष ट्रायल कराना न्यायलय की जिम्मेदारी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को भी आदेश दिया कि वह शहाबुद्दीन  से संबंधित सभी मामलों को अगले चार सप्ताह के भीतर निप्टारा करें।

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शहाबुद्दीन  पर तीन भाइयों की हत्या का भी एक मुकदमा चला और वो काफी दिन तक जेल में भी रहा। बाद में उसकी रिहाई होने पर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई। सिवान जिले के ही एक पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का आरोप उन पर लगा और काफी दबाव के बाद उसे फिर से जेल भेजा गया।   

गौरतलब है कि पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और अपने तीन बेटों को खो चुके चंदाबाबू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि शहाबुद्दीन  को बिहार से बाहर शिफ्ट किया जाए ताकि वह बिहार में चल रहे मामलों को प्रभावित न कर सकें। आशा राजदेव ने याचिका में कहा था कि यहां के पुलिस और अन्य अधिकारी शहाबुद्दीन  के दबाब में रहते हैं।  

दरअसल, सिवान से सेशन कोर्ट ने शहाबुद्दीन  को लीगल ऐड मुहैया कराने का आदेश दिया था। इसके लिए बिहार सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके बाद हाई कोर्ट ने लीगल ऐड की मांग को खारिज कर दिया था।

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