आजकल AI-आधारित चैटबॉट रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुके हैं — जानकारी लेने हों, काम को आसान करना हो या किसी सलाह की ज़रूरत हो। लेकिन ध्यान रहे, इन सिस्टम्स से कुछ तरह के प्रश्न पूछना आप पर गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है। दुनियाभर में साइबर नियम कड़े हो रहे हैं और कुछ क्वेरीज केवल “गलत” ही नहीं, बल्कि अपराध की श्रेणी में भी आ सकती हैं। यहाँ जानें किन सवालों से बचना चाहिए और क्यों।
गैर-कानूनी जानकारी माँगना = जोखिम
किसी भी तरह की अवैध जानकारी — जैसे हथियार बनाने के निर्देश, बैंकिंग सिस्टम हैक करने के उपाय या किसी की निजी जानकारी चुराने के तरीके — चैटबॉट से पूछना संवैधानिक और साइबर कानून के दृष्टिकोण से गंभीर समस्या बन सकता है। भारत के आईटी एक्ट और संबंधित साइबर कानूनों के तहत ऐसी जानकारी की मांग या उसके लिए कोशिश करना भी आपराधिक माना जा सकता है। साथ ही, चैटबॉट के लॉग में रिकॉर्ड होने के कारण यह जांच एजेंसियों के लिए सबूत भी बन सकता है।
हिंसा या दंगे भड़काने वाले सवालों से दूरी रखें
यदि कोई प्रश्न हिंसा, दंगा या अवैध संगठनों को सक्रिय करने-प्रोत्साहित करने जैसा है, तो यह सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में आ सकता है। ऐसे मामलों में पूछे गए सवाल रिकॉर्ड हो जाते हैं और उन पर कड़ी कार्रवाई भी संभव है।
संवेदनशील सुरक्षा-सम्बंधी सूचनाएँ न माँगे
पुलिस या सैन्य नेटवर्क से जुड़ी तकनीकी जानकारी, सरकारी सुरक्षा प्रणालियों में सेंध लगाने के तरीके या सरकारी वेबसाइटों तक अनधिकृत पहुँच पाने के तरीकों के बारे में पूछताछ को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से गंभीर अपराध माना जा सकता है। ऐसे प्रश्न जासूसी या साइबर आतंकवाद से जुड़ी धाराओं के दायरे में भी आ सकते हैं।
किसी की निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश अपराध है
किसी का पता, बैंक विवरण, सटीक लोकेशन या अन्य निजी डेटा चैटबॉट के माध्यम से मांगना साइबर-स्टॉकिंग और डेटा चोरी के दायरे में आएगा। डिजिटल पूछताछ के रिकॉर्ड की वजह से शिकायत मिलने पर ट्रेस करना आसान होता है और कानूनी कार्रवाई की संभावना बन जाती है।
बचाव के आसान नियम
- किसी भी चैटबॉट से अवैध या प्रतिबंधित जानकारी न माँगें।
- मज़ाक या प्रयोग के नाम पर भी खतरनाक सवालों से बचें।
- स्थानीय साइबर कानूनों और IT Act जैसी धाराओं के बारे में जागरूक रहें।
- चैट में पूछने से पहले सोच लें — डिजिटल रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहता है।
- डिजिटल सहूलियत के साथ जिम्मेदारी भी आती है। इसलिए AI टूल्स का इस्तेमाल समझदारी और कानून की सीमाओं के भीतर ही करें ताकि एक छोटे से प्रश्न से जिंदगी प्रभावित न हो।









