छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आईएएस अधिकारी और उच्च शिक्षा सचिव बी.एल. अग्रवाल के निजी आवास पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम ने छापा मारा है। 1988 बैच के अधिकारी अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने सीबीआई में चल रहे पुराने मामलों को निपटाने के लिए हैदराबाद के एक दलाल के जरिए पीएमओ के अफसरों से डेढ़ करोड़ में डील की थी।
सीबीआई की दिल्ली टीम ने आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में लगे आरोपों के अनुसार अग्रवाल को चार किस्तों में 60 लाख रुपए दिए जा चुके थे। पांचवीं किस्त में नगद राशि की जगह दो किलो सोना देना था। इसी दौरान सीबीआई ने उन्हें धर दबोचा। सीबीआई ने रायपुर से 2 किलो सोना और दिल्ली से 20 लाख नकद जब्त किया है।
सीबीआई ने यह कार्रवाई रायपुर, दिल्ली, नोएडा और हैदराबाद स्थित दफ्तरों में एकसाथ की है। सीबीआई की दिल्ली और भिलाई टीम ने उनके तीन ठिकानों सहित हवाला कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। आ रही ख़बरों के मुताबिक सीबीआई में दर्ज भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में राहत पाने के लिए अग्रवाल ने हैदराबाद के दलाल सैयद बुरहानुद्दीन के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय में डेढ़ करोड़ रुपए रिश्वत देने की डील की थी। बुरहानुद्दीन से अग्रवाल का परिचय नोएडा के रहने वाले भगवान सिंह ने कराया था।
सीबीआई ने अपनी कार्रवाई से पहले 18 फरवरी को आईएएस बीएल अग्रवाल, सैयद बुरहानुद्दीन, भगवान सिंह और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भादवि की धारा 120 (बी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया था। बीएल अग्रवाल और उसके सहयोगियों पर सीबीआई की यह कार्रवाई 26 घंटे चली थी। सीबीआई ने इस दौरान अग्रवाल से पूछताछ भी की।
इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौर ने कहा कि आईएएस बीएल अग्रवाल और दो अन्य पर केस दर्ज किया गया है। सीबीआई की जांच जारी है। किस्तों में रिश्वत के डेढ़ करोड़ रुपए देना तय हुआ था। जांच में अब तक दो किलो सोना जब्त किया गया है। जांच जारी है।