Flag Hoisting Vs Flag Unfurling : ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या है असली फर्क, 15 अगस्त के दिन कौन सा तरीका अपनाया जाता है?

0
22

Flag Hoisting Vs Flag Unfurling : हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता के 77 साल पूरे करने जा रहा है और 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) मनाने जा रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देशभर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया जा रहा है। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था, तभी से प्रत्येक वर्ष इसी दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी के बाद सबसे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया था। उसके बाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराया था। लेकिन आज भी बहुत से लोगों को ध्वजारोहण और झंडा फहराने (Flag Hoisting and Flag Unfurling) के बीच का अंतर नहीं मालूम है। ऐसे में, आइए जानते हैं दोनों के बीच का अंतर।

ध्वजारोहण क्या है?

‘ध्वजारोहण’ (Flag Hoisting) का अर्थ है कि झंडे को किसी खास अवसर पर फहराया जाना, जैसे कि स्वतंत्रता दिवस पर। दरअसल, 15 अगस्त 1947 के दिन भारत से अंग्रेजी हुकूमत का झंडा नीचे उतारकर देश का राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ ऊपर चढ़ाया गया था। ऐसे में, जब राष्ट्रीय ध्वज को स्तंभ पर नीचे से ऊपर की तरफ चढ़ाया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन हम ध्वजारोहण करते हैं। इसका मतलब है कि झंडे को एक विशेष तरीके से धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाता है। यह प्रक्रिया बहुत ही सम्मानजनक होती है। इस दिन, प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं। झंडा ऊपर उठाने के दौरान राष्ट्रगान गाया जाता है, जो इस मौके की अहमियत को और बढ़ा देता है। ध्वजारोहण का यह तरीका हमें देश के स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है और हमें हमारे देश के प्रति गर्व और सम्मान का अहसास कराता है।

झंडा फहराना क्या है?

जहां तक झंडा फहराने (Flag Unfurling) की बात है, ये प्रक्रिया गणतंत्र दिवस पर होती है, यानी प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है। इस दिन, झंडा पहले से ऊंचाई पर बंधा होता है और राजपथ पर, गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है। इस दौरान झंडे के अन्दर फूलों की पंखुड़ियां भी रख दी जाती हैं, जिससे झंडा फहराते वक्त पुष्प वर्षा होती है।

क्या होता है, स्थान और समय का फर्क ?

स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण लाल किले पर किया जाता है, जबकि गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का कार्यक्रम राजपथ पर होता है। 15 अगस्त को हम ध्वजारोहण करते हैं, जहां झंडा धीमी रफ्तार में ऊपर उठाया जाता है। गणतंत्र दिवस पर झंडा पहले से एक निश्चित ऊंचाई पर होता है और फहराया जाता है। इन दोनों ही तरीकों में सम्मान और उत्सव का महत्व होता है जो हमें अपने देश के प्रति गर्व का अहसास कराते हैं।