– Shweta Rai
क्या हो कि अगर आपको घर से महज 15 मिनट की दूरी पर ही सारी चीजें उपलब्ध हो जाएं। जी हाँ, ऐसा कॉन्सेप्ट है। जिसे कई देशों में अपनाने पर विचार किया जा रहा है और वो कॉन्सेप्ट 15-Minute City Concept के नाम से जाना जा रहा है। 15 मिनट सिटी की सबसे पहले बात 2015 में पेरिस के सॉरबोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्लोस मोरेनो ने की थी। उन्होनें कहा था कि अगर 15 मिनट की दूरी पर ही एक इलाके में सबकुछ बना दिया जाए तो ट्रैफिक रूल कम टूटेंगे और लोग कम ड्राइव करेंगे तो पॉल्यूशन भी कम होगा।
वो कौन से देश है जो इस कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं…
अमेरिका के साथ कई बड़े देशों ने 15 मिनट सिटी कंसेप्ट को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। अमेरिका के उपनगर फीनिक्स Phoenix में एक ऐसी ही सिटी बनाने पर काम चल रहा है। यह Car Free Project है, जिसको द प्वाइंट नाम दिया गया है और ये प्रोजेक्ट जहाँ शुरू होना है वहाँ पहले से एक जेल बनी हुई है। उसे तोड़कर अब इस तरह का 15 मिनट सिटी कंसेप्ट बनाया जाएगा,जहाँ लगभग 7400 घर बनाए जायेंगे। 15 मिनट सिटी कंसेप्ट से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक बेहतरीन योजना है । इस कॉन्सेप्ट को अमल में लाने में सबसे ज्यादा लोकप्रिय देश चीन है। भविष्य में चीन में इस तरह की कई सिटी विकसित हो सकती हैं। इसके अलावा फ्रांस ऑस्ट्रेलिया , जापान , नीदरलैंड औऱ कनाडा देश ऐसे हैं जो इस योजना पर विचार कर रहे हैं और कई जगह इसे लेकर शुरुआत भी की जा चुकी है।
क्या है 15 मिनट सिटी का कॉन्सेप्ट ?
15 मिनट सिटी ऐसी जगहों को विकसित किया जाएगा, जहां सारी सुविधाएं महज 15 मिनट की दूरी पर उपलब्ध हो सकें यानी अगर आप कहीं 15 मिनट सिटी कंसेप्ट के हिसाब से घर लेते हैं, तो आपको 15 मिनट की दूरी पर सारी चीजें उपलब्ध हो जाएंगी। सिटी में अस्पताल, स्कूल, रेस्तरां, दफ्तर और शॉपिंग जैसी कई बेसिक ज़रूरतें कम से कम दूरी के दायरे में होगी और लोगों को ज़्यादा सफर नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए बिल्डिंगों को मल्टी यूटिलिटी बनाने की योजना है।
क्या हैं इस concept के फायदे…
इस कंसेप्ट से खर्चे कम हो जायेंगे क्योंकि सुविधा की सारी चाजें आपको करीब में ही मिल जायेगी। ज्यादातर सफर पैदल तय किया जाएगा। ट्रैफिक की समस्या कम होगी। Fuel कम खर्च होगा और लोगों का समय काफी बच जायेगा । सड़कों पर गाड़ियों की सुविधा तो दी जाएगी, लेकिन अलग-अलग लेन और फुटपाथ को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रांसपोर्ट के लिये बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की विशेष सुविधा होगी और मोबिलिटी हब Mobility Hub की मदद से कार, बाइक, स्कूटर और अन्य गाड़ियां लोग शेयर करके भी इस्तेमाल कर सकेंगे। वैज्ञानिक और पर्यावरणविद इसके फायदे बता रहे हैं कि कार्बन फुटप्रिंट छोटा होने से आने वाली पीढ़ियों को साफ-सुथरी हवा मिल पायेगी।
फिर क्यों इसका विरोध हो रहा है?
ब्रिटेन और यूरोप में 15 मिनट सिटी कंसेप्ट पर लोगों में हंगामा मचा हुआ है। उनका मानना है कि ये सब उन्हें एक ही एरिया में लॉक करने की साजिश है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हैशटैग और प्रोटेस्ट चल रहे हैं, जिसमें कोई इसे यूनाइटेड नेशन्स तो कोई वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम का एजेंडा बता रहा है। लोगों का कहना है कि ये एक तरह की कंस्पिरेसी थ्योरी है, जिसके विरोध में ऑक्सफोर्ड की बड़ी आबादी सड़कों पर उतर आयी है। ऑक्सफोर्ड ब्रिटेन के उन शहरों में पहला है, जहां किसी भी इलाके के लोग एक तय इलाके से आगे ड्राइव नहीं कर सकते। शहर से बाहर जानेके लिये एडल्ट को 100 दिनों का पास मिलेगा, जिससे उनकी सीमा उतने दिनों के लिये तय होगी और अगर नियमों को तोड़ा तो 70 पाउंड का जुर्माना देना होगा।
इस स्कीम को ऑक्सफोर्ड ट्रैफिक फिल्टर स्कीम कहा गया है, जिसमें शहर में 6 फिल्टर होंगे, जो निजी गाड़ियों को लंबी दूरी तय करने से रोकेंगे। बस, टैक्सी, वैन, मोटरसाइकिल और एंबुलेंस जैसी गाड़ियों पर ये नियम लागू नहीं होंगे। लोगों का मानना है कि सरकारें साजिश कर रही हैं,लोग एक इलाके तक ही सीमित हो जाएं औऱ बाहरी लोगों से न मिल पाने के कारण उन्हें बाहर की दुनिया और सरकार के बारे में खबर भी नहीं रहेगी।