शॉपिंग मॉल, ऑफिस या किसी रेस्तरां के वॉशरूम में हाथ धोने के बाद जब दीवार पर लगे हैंड ड्रायर से निकलती गर्म हवा आपके गीले हाथों को कुछ सेकंड में सुखा देती है, तो यह सुविधा बेहद आरामदायक लगती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि इस आराम के पीछे आपकी सेहत को कोई अदृश्य खतरा तो नहीं छुपा है?
बैक्टीरिया का अड्डा बन सकते हैं हैंड ड्रायर
गर्म हवा भले ही आपके हाथों को सुखाने में मदद करे, लेकिन कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि हैंड ड्रायर दरअसल बैक्टीरिया को फैलाने में योगदान दे सकते हैं। जब आप इस हवा के संपर्क में आते हैं, तो न सिर्फ आपके हाथों पर बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, बल्कि हवा के जरिए वॉशरूम में मौजूद कीटाणु भी हवा में फैलते हैं।
ये बीमारियां हो सकती हैं संभावित खतरा
- त्वचा संबंधी परेशानियां: बार-बार हैंड ड्रायर के संपर्क में आने से त्वचा की नमी खत्म हो सकती है, जिससे हाथों में जलन, खुजली या रैशेज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
- पेट के संक्रमण: हाथों पर मौजूद कीटाणु अगर मुंह या खाने के माध्यम से शरीर में चले जाएं, तो इससे डायरिया, उल्टी या अन्य गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं।
- सांस की दिक्कतें: हवा में उड़ते सूक्ष्म कण और बैक्टीरिया अस्थमा या एलर्जी के मरीजों की तकलीफें बढ़ा सकते हैं।
- वायरल संक्रमण: बंद जगहों पर वायरस तेजी से फैलते हैं। हैंड ड्रायर की तेज हवा इन्हें हवा में ज्यादा फैला सकती है, जिससे आसपास मौजूद लोग प्रभावित हो सकते हैं।
बार-बार इस्तेमाल क्यों हो सकता है नुकसानदायक?
लगातार गर्म हवा त्वचा की प्राकृतिक नमी को छीन लेती है जिससे हाथ रूखे और दरार वाले हो जाते हैं। इसके अलावा, यह देखा गया है कि टिशू पेपर की तुलना में हैंड ड्रायर अधिक बैक्टीरिया पीछे छोड़ते हैं। बार-बार ऐसे प्रदूषित हवा के संपर्क में आना आपके इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है।
सतर्कता जरूरी है
हैंड ड्रायर उपयोग करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसके जोखिमों को नजरअंदाज करना भी ठीक नहीं। जहां संभव हो, वहां टिशू या पेपर नैपकिन का इस्तेमाल करें और हमेशा हाथ धोने के बाद अच्छे से पोंछें। अगली बार जब वॉशरूम में हैंड ड्रायर की ओर हाथ बढ़ाएं, तो एक पल रुक कर यह सोचें—क्या यह वास्तव में स्वच्छ विकल्प है?
Disclaimer: यह लेख विभिन्न मीडिया स्रोतों और अध्ययनों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय या बदलाव से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।