मोटापा नाम सुनते ही हम मुह बनाने लगते हैं। क्योंकि ये व्यक्ति के पर्सनालिटी को कम करता है। लेकिन मोटापा कई तरह का होता है। और हर मोटापा शरीर के लिए खराब नहीं होता है। हम यहां पर ब्राउन फैट की बात कर रहे हैं। ये सिर्फ टाइप-2 डायबिटीज, बल्कि हाइपरटेंशन और उच्च कोलेस्ट्रॉल की शिकायत को भी दूर रखने में कारगर है।

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न्यूयॉर्क स्थित रॉकफेलर यूनिवर्सिटी का हालिया अध्ययन के अनुसार अगर किसी व्यक्ति में ब्राउन फैट है तो परेशान होने की बात नहीं है। ये सेहत के लिए अच्छा होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ‘ब्राउन फैट’ चिकित्सकीय भाषा में ‘ब्राउन एडिपोज टिश्यू’ कहलाता है। यह कैलोरी को शारीरिक ऊष्मा में तब्दील करने में अहम भूमिका निभाता है।

जिस व्यक्ति में ब्राउन फैट की मात्रा अधिक होती है। उनके टाइप-2 डायबिटीज का शिकार होने का खतरा 50 फीसदी कम होता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप अनियंत्रित होने की समस्या की बात करें तो इसका जोखिम 14 फीसदी तक घट जाता है। 

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हालांकि, व्यक्ति चाहे तो नियमित रूप से व्यायाम करके, रोज रात को आठ से नौ घंटे की नींद लेकर और ठंडे वातावरण में रहकर इसका उत्पादन बढ़ा सकता है। अध्ययन के नतीजे ‘जर्नल नेचर मेडिसिन’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।

‘व्हाइट फैट’ शरीर में ऊर्जा संरक्षित करने के काम आता है, ताकि उसका इस्तेमाल आपात स्थितियों में किया जा सके। इसकी अति मोटापे, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का सबब बन सकती है।