शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर करारा प्रहार किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए राउत ने कहा कि “गद्दार हम पर आरोप लगा रहे हैं। राजेश मोरे कौन हैं, हमें तो मालूम तक नहीं। प्रताप सरनाइक और शिंदे की यह कौन-सी उपलब्धि है? राजन विचारे पहले से ही हमारी पार्टी में हैं और पूरी तरह हमारे साथ खड़े हैं। अगर राजन विचारे हमारे साथ नहीं होते तो आज शिंदे की स्थिति भी अलग होती।”
टिकट का विवाद और बालासाहेब का नाम
राउत ने आगे कहा कि “सतीश प्रधान को टिकट किसने दिया था? यह खुद बालासाहेब ठाकरे का फैसला था। तब शिंदे कहां थे? उनकी मानसिकता बेहद निचले स्तर की है और इस पर अब किसी बहस की गुंजाइश नहीं बची।”
‘बीजेपी में विलय की राह पर शिंदे गुट’
यूबीटी नेता ने कहा, “हमने कभी शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के साथ किसी और का फोटो नहीं लगाया। अगर साहस है तो पीएम मोदी से बड़ा आनंद दिघे का फोटो लगाकर दिखाइए। सच तो यह है कि ये लोग धीरे-धीरे बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। मुझे धमकाने की कोशिश मत कीजिए। जब ED और अमित शाह ने धमकी दी थी, तब भी मैं पीछे नहीं हटा था।”
ठाणे दौरे और सम्मान पर बयान
राउत ने शिंदे को जवाब देते हुए कहा, “क्या मैं ठाणे जाऊं या न जाऊं, यह कोई सवाल है? मैं तो कल ही ठाणे होकर आया हूं, वह भी बिना सरकारी सुरक्षा और मीडिया के। शिवसेना का नेता होने के नाते मैं जहां चाहूं वहां जा सकता हूं। मैंने कब कहा कि आनंद दिघे का सम्मान नहीं किया? वे जिला प्रमुख थे, लेकिन बेहद आदरणीय नेता थे।”
बुलेट ट्रेन और विकास पर सवाल
यूबीटी सांसद ने शंभुराज देसाई को चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जब बालासाहेब ठाकरे ने दिघे साहेब को महाराष्ट्र में काम करने की जिम्मेदारी दी तो उन्होंने ठाणे को चुना। इतने महान इंसान के खिलाफ आंदोलन करना गद्दारी है। बुलेट ट्रेन बनने दीजिए, लेकिन हमारा विरोध जारी रहेगा क्योंकि हमने कभी इसकी मांग नहीं की। आपने दिल्ली से मुंबई को क्यों नहीं जोड़ा? आपको तो सिर्फ मुंबई को गुजरात से जोड़ने की जल्दी है।”
उद्धव ठाकरे का दौरा और BJP पर वार
राउत ने ट्रैफिक समस्या पर भी सवाल उठाए और कहा, “मुंबई की ट्रैफिक दिक्कत का आपके पास क्या हल है? मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, फडणवीस से मिले और कहा कि फिर मुलाकात करेंगे। वहीं 4 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे पुणे और मराठवाड़ा का दौरा करेंगे। बीजेपी आज ‘बाप’ की बातें कर रही है, लेकिन इसकी शुरुआत नारायण राणे के बेटे ने ही की थी। आप विधायक हैं, इसे मत भूलिए। आलोचना कीजिए लेकिन भाषा की मर्यादा में रहकर। विधानसभा में आप लोग मारपीट करते हैं, पहले खुद को सुधारिए।”