खतरे में Gen Alpha की पीढ़ी! बच्चों को डिजिटल गैजेट्स से दूर रखने के लिए करें ये उपाय…

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Electronic Gadgets Addiction in Gen Alpha : आज की दुनिया में एक नई पीढ़ी सामने आ रही है, जिसे ‘Gen Alpha’ कहा जाता है।  इनका जीवन डिजिटल गैजेट्स के साथ गुज़र रहा है। स्मार्टफोन और टैबलेट जैसी चीजें इनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं। लेकिन, इन गैजेट्स का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के विकास पर बुरा असर डाल रहा है। ऐसे में, आइए जानते हैं कि उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है।  

Gen Alpha कौन हैं? 

2010 के बाद पैदा होने वाले बच्चों को लेकर ऑस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता ने इस आगे आनेवाली जनरेशन पर शोध करते हुए 2008 में इन्हें ‘जेन अल्फा’ नाम दिया था। तो इस हिसाब से जेन अल्फा (Gen Alpha) वे बच्चे हैं जो 2010 के बाद पैदा हुए हैं। यह पीढ़ी बहुत तेजी से बढ़ रही है और 2025 तक इनकी संख्या 2 बिलियन तक हो सकती है। ये बच्चे शुरू से ही डिजिटल गैजेट्स जैसे स्मार्टफोन और टैबलेट के साथ बड़े हो रहे हैं। इस कारण माना जा रहा है कि उनका ध्यान पढ़ाई और खेलकूद से हटकर इन गैजेट्स पर चला गया है। 

डिजिटल गैजेट्स का बच्चों पर असर 

आजकल के बच्चे ज्यादातर समय अपने फोन या टैबलेट पर बिताते हैं। ये वीडियो देखते हैं, गेम खेलते हैं, और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। इसका नतीजा यह है कि उनका व्यवहार बदल रहा है, वे चिड़चिड़े हो रहे हैं, और दूसरे बच्चों या लोगों से ठीक से बात नहीं कर पाते। इस वजह से उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी सही से नहीं हो पाता है। 

माता-पिता की भूमिका 

कई बार माता-पिता अपने बच्चों को शांत रखने या खुद के लिए समय निकालने के लिए उनके हाथ में मोबाइल या टैबलेट थमा देते हैं। इससे बच्चे कुछ समय के लिए व्यस्त तो हो जाते हैं, लेकिन इससे उनके दिमाग पर बहुत असर पड़ता है। जिससे उनका दिमाग ठीक से विकसित नहीं हो पाता। माता-पिता को समझना होगा कि बच्चों को डिजिटल गैजेट्स से दूर रखने और उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। 

बच्चों को डिजिटल गैजेट्स से दूर रखने के लिए क्या करें? 

  • बच्चों के लिए दिन में स्क्रीन पर बिताने का समय सीमित करें। उन्हें ज्यादा देर तक फोन या टैबलेट का इस्तेमाल न करने दें। 
  • बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजा करें। इससे वे ताजगी महसूस करेंगे और गैजेट्स से दूर रहेंगे। 
  • बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने या परिवार के साथ समय बिताने के लिए कहें। इससे उनका ध्यान गैजेट्स से हटा रहेगा। 
  • बच्चों को ड्रॉइंग, म्यूजिक या कोई और काम करने के लिए प्रेरित करें। अलग-अलग हॉबीज डिवेलप होने से उनका दिमाग अच्छा रहेगा और वे कुछ नया सीखेंगे। 

बच्चों का सही विकास माता-पिता की जिम्मेदारी है। डिजिटल गैजेट्स का इस्तेमाल करना गलत नहीं है, लेकिन इसका संतुलित होना जरूरी है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों का भविष्य हमारे हाथ में है, और हमें उन्हें सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 

DISCLAIMER : इस लेख में बताई गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इसका उद्देश्य वित्तीय, चिकित्सा, स्वास्थ्य, पोषण या अन्य सलाह नहीं है। आपको अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के संबंध में किसी वित्तीय सलाहकार, या चिकित्सा या स्वास्थ्य व्यवसायी से पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।