सिर्फ 7 दिन खाएं हरी इलायची, और देखें सेहत में होने वाले ये चमत्कारी बदलाव

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सिर्फ 7 दिन खाएं हरी इलायची, और देखें सेहत में होने वाले ये चमत्कारी बदलाव
सिर्फ 7 दिन खाएं हरी इलायची, और देखें सेहत में होने वाले ये चमत्कारी बदलाव

अक्सर हम हरी इलायची को केवल स्वाद बढ़ाने वाला मसाला मानते हैं, जो चाय, मिठाई या बिरयानी में खुशबू और फ्लेवर के लिए इस्तेमाल होती है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, यह छोटी-सी दिखने वाली इलायची सेहत के लिहाज़ से बेहद फायदेमंद होती है। अगर आप इसे हर दिन खाली पेट सिर्फ 1 या 2 खाएं और ऐसा 7 दिनों तक लगातार करें, तो शरीर पर इसके हैरान कर देने वाले असर देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे।

  1. पाचन शक्ति में सुधार

हरी इलायची में मौजूद फाइबर और आवश्यक तेल आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को एक्टिव करते हैं। लगातार सेवन से गैस, अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी दिक्कतों में राहत मिलती है।

  1. सांसों की बदबू से छुटकारा

अगर मुंह से दुर्गंध की समस्या है, तो इलायची एक बेहतरीन नैचुरल माउथ फ्रेशनर है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और सांसों को ताजगी देते हैं।

  1. ब्लड प्रेशर रहेगा कंट्रोल में

हरी इलायची में पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में सोडियम के स्तर को बैलेंस करती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर काबू में रहता है और दिल की सेहत भी बेहतर होती है।

  1. स्किन में आएगा नेचुरल ग्लो

इलायची में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं। यह त्वचा की गहराई से सफाई करता है, जिससे चेहरा साफ, दमकता और पिंपल्स-फ्री दिखाई देता है।

  1. मानसिक तनाव होगा कम

हरी इलायची की भीनी खुशबू दिमाग को शांत करती है और नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करती है। इससे मूड बेहतर रहता है, नींद में सुधार होता है और स्ट्रेस या एंग्जायटी जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।

  1. दिल रहेगा स्वस्थ

इलायची का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है, जिससे हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा घटता है।

कैसे करें इलायची का सेवन?

सुबह खाली पेट 1 या 2 हरी इलायची अच्छी तरह चबाएं।

चाहें तो इसे गुनगुने पानी के साथ भी लिया जा सकता है।

अधिक सेवन न करें, एक दिन में दो से ज्यादा इलायची न लें।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सामान्य आयुर्वेदिक मान्यताओं पर आधारित है। कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।