बरसात का मौसम आते ही चाय और पकोड़ों की याद खुद-ब-खुद आने लगती है। खिड़की से आती ठंडी हवा, हल्की बारिश और साथ में गर्म चाय की चुस्कियां और कुरकुरे पकोड़े—ये कॉम्बिनेशन हर किसी का मन मोह लेता है। लेकिन इस मजेदार जोड़ी के पीछे एक अनदेखा खतरा भी छिपा हो सकता है, जो आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि मानसून में इन स्वादिष्ट चीज़ों का ज़्यादा सेवन कैसे बन सकता है परेशानी की वजह।
मानसून में कमजोर होता है पाचन तंत्र
बरसात के मौसम में शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। ऐसे में डीप फ्राई किए गए पकोड़े जैसे भारी स्नैक्स पचाने में दिक्कत होती है। इससे गैस, एसिडिटी, पेट दर्द और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चाय से बढ़ सकता है डिहाइड्रेशन और एसिडिटी
चाय में मौजूद कैफीन एक तरफ गर्मी में राहत देता है, लेकिन अधिक सेवन से यह शरीर की पानी की मात्रा को घटा सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। खासतौर पर जब चाय खाली पेट ली जाए या दिनभर में बार-बार पी जाए तो यह एसिडिटी को और भी बढ़ा सकती है।
एक ही तेल में बार-बार तलने से सेहत को खतरा
अक्सर पकोड़े तलते वक्त घरों में एक ही तेल का कई बार इस्तेमाल किया जाता है। इससे उसमें ट्रांस फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को असंतुलित कर दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ा सकते हैं।
मानसून में बढ़ता है इंफेक्शन का खतरा
बरसात के दिनों में नमी और गंदगी के चलते बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं। ऐसे में बाहर के खुले में बने तले-भुने पकोड़े खाने से फूड पॉइजनिंग, डायरिया और अन्य संक्रमण होने की संभावना रहती है।
वजन और आलस्य दोनों बढ़ते हैं
तेल और स्टार्च से भरपूर पकोड़े आपके शरीर में फैट जमा करते हैं, जिससे वजन बढ़ता है। साथ ही इनमें मौजूद अधिक कैलोरीज़ शरीर को सुस्त भी बना सकती हैं। वहीं चाय में मिलाई गई चीनी भी इस वजन बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज़ करती है।
सेहतमंद विकल्प क्या हो सकते हैं?
- चाय की जगह ग्रीन टी या हर्बल टी को प्राथमिकता दें।
- डीप फ्राई की बजाय एयर फ्राई या ग्रिल्ड स्नैक्स अपनाएं।
- मौसमी फल, भुना हुआ चना या अंकुरित दाल जैसे हेल्दी स्नैक्स खाएं।