Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले की सुनवाई हुई।जस्टिस रविंदर भट्ट ने यूपी सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते है कि जांच मे अबतक क्या हुआ? मुकदमों का स्टेटस क्या है?कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि अतीक के दो नाबालिग बेटों को न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है?अगर वे किसी अपराध मे शामिल नहीं हैं तो रिश्तेदारों को सौंपा जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ हाई प्रोफाइल मामला नहीं है।ऐसी घटनाएं जेल में भी हो रही हैं।कौन लोग हैं जो ट्रैक करते हैं? जेल से एक नेक्सेस काम कर रहा है।कोर्ट ने य़ह भी पूछा कि लोगों का भरोसा कैसे बहाल करेंगे?वही पुलिस है, जेल में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।कोर्ट ने पूछा कि हमें बताएं कि ऐसे मामलों को लेकर एनएचआसी के दिशानिर्देश क्या हैं?
Supreme Court: कोर्ट ने सरकार से पूछा मुकदमों का स्टेटस क्या है?
यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम मामले में याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे।य़ह भी बताया कि अतीक अहमद मामले में एसआईटी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जिसमें 3 लोगो को आरोपी बनाया गया है।
मामले में एक और याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने कहा कि पुलिस के ऊपर भी आरोप लगे हुए हैं, लोगों का विश्वास बहाल करने की भी ज़रूरत है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2017 से अब तक के 183 पुलिस एनकाउंटर के बारे में हम जानना चाहते हैं। जांच में अब तक क्या हुआ? मुकदमों का स्टेटस क्या है?
Supreme Court: चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा
Supreme Court: कोर्ट ने पूछा कि क्या एनकाउंटर के केसों की मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज़म क्या है? उन केसों की मॉनिटरिंग कैसे की जाती है? अतीक की बहन आएशा नूरी के वकील ने कहा कि अतीक अशरफ मामले में जांच आयोग का गठन किया है।वहां उसके बेटे असद के मामले में भी अलग जांच आयोग का गठन किया गया है। उनकी जांच में अब तक क्या हुआ किसी को नहीं पता। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अतीक की बहन आएशा नूरी की याचिका पर नोटिस जारी कर यूपी सरकार से चार हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ की बहन आयशा नूरी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। अतीक अशरफ की पुलिस कस्टडी के दौरान हुई हत्या की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा जांच की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट में याचिककर्ता वकील विशाल तिवारी ने चौहान कमीशन की रिपोर्ट में दिए सुझाव को लागू नहीं होने का मुद्दा उठाया। यूपी सरकार को य़ह बताने को कहा कि विकास दूबे एनकाउंटर में गठित जस्टिस बीएस चौहान कमीशन की रिपोर्ट में दिए गए सुझाव को लागू किया गया या नहीं।
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