अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस ग्रुप ने वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ पांच हजार करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा गुजरात हाईकोर्ट में दायर किया गया है।

अनिल अंबानी ने अभिषेक मनु सिंघवी पर उनके खिलाफ झूठे, अपमानजनक और बदनाम करने वाले बयान देने के आरोप लगाए हैं।

दरअसल 30 नवंबर को अभिषेक मनु सिंघवी ने अरुण जेटली के उस बयान पर पलटवार किया था जिसमें जेटली ने कहा था कि उनकी सरकार ने बड़े बकाएदारों के कर्ज़ को माफ नहीं किया है। सिंघवी ने कहा था कि मंत्री यह कहकर लोगों को बेवकूफ़ बना रहे हैं कि सरकार ने बड़े बकाएदारों के कर्ज को माफ नहीं किया है।

सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने बड़े बकाएदारों के 1.88 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को खत्म कर दिया है। सिंघवी ने कहा था कि  हम सभी जानते हैं कि शीर्ष 50 कंपनियां पर बैंकों की 8.35 लाख करोड़ रुपये की देनदारी है और उनमें  गुजरात की तीन बड़ी कंपनियों- रिलायंस (अनिल अंबानी समूह), अदानी और एस्सार पर 3 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं। सिंघवी यहीं नहीं रुके और उन्होंने रिलायंस अनिल अंबानी समूह का नाम लेते हुए कहा कि सरकार ‘राफेल’ सौदे जैसे रक्षा अनुबंधों को डिफॉल्टर कंपनी के साथ करवाकर उसकी मदद कर रही है।

इधर रिलायंस ने एक वक्तव्य जारी कर यह कहा था कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड और डसॉल्ट एविएशन के बीच जो सम्झौता हुआ है वह दो निजी कंपनियों के बीच हुआ द्विपक्षीय एग्रीमेंट है और इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।

गुजरात चुनाव में भी राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे का जिक्र हुआ था और राहुल गांधी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए ‘राफेल’ सौदे को पूरी तरह से बदल दिया।

इस सौदे में कहा जा रहा है कि यूपीए सरकार के वक्त 54 हज़ार करोड़ रुपये में 126 राफेल जेट्स खरीदने की डील की गई थी और साथ ही टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की बात हुई थी लेकिन मोदी सरकार ने 60 हजार करोड़ की डील के बदले सिर्फ 36 राफेल जेट्स का सौदा किया है, इसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर शामिल नहीं है।

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