राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अमरनाथ यात्रा के लिए कई सख्त नियम जारी किए हैं जिनमें कई तरह के प्रतिबंधों की बात की है। NGT ने अपने आदेश में कहा है कि मंदिर के आस पास कोई मंत्रों का जाप, जयकार और घंटियों की आवाज नही की जाएगी।
ट्रिब्यूनल ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को इन आदेशों को लागू करने के लिए कहा है। NGT ने पिछले महीने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने में नाकाम रहने पर फटकार लगाई थी और स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
यह हैं राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश
- मंदिर के आस पास मंत्रों का जाप, जयकार और घंटियों की आवाज नही की जाएगी।
2.पवित्र गुफा में जाने के लिए आखरी चेक पोस्ट के बाद श्रद्धालुओं की सिंगल लाइन ही दर्शन के लिए जाएगी।
3.आखरी चेक पोस्ट के बाद कोई भी श्रद्धालु मोबाइल फोन और समान नहीं ले जाएगा।
- अमरनाथ श्राइन बोर्ड वहां पर श्रद्धालुओं के लिए स्टोर रूम बनाए ताकि वह अपना सामान रख सकें।
NGT के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्रता कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है। पर्यावरण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न कर पाने पर नाराज़गी जाहिर करते हुए श्राइन बोर्ड से पूछा कि आखिर वह इतने सालों से क्या कर रहा था?
राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर के लिए भी इसी तरह के दिशा निर्देश जारी किए थे। ट्रिब्यूनल ने वैष्णो देवी मंदिर में हर रोज़ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को 50 हज़ार तक सिमित कर दिया था। इसके अलावा NGT ने किसी अप्रिया घटना से बचने के लिए अधिकारियों को कहा था कि वह पैदल यात्रियों के लिए एक अलग नया रास्ता बनाने पर काम करें और उन लोगों पर जुर्माना लगाने के लिए भी कहा था जो वहां पर कूड़ा फेंकते हैं।