Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता कांड में FIR देरी से दर्ज होने पर SC ने लगाई बंगाल सरकार को फटकार

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क्या है BNSS 479?
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पश्चिम बंगाल  की राजधानी कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की नाइट शिफ्ट के दौरान हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम में डॉक्टर के साथ रेप की भी पुष्टि हुई। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर मामले को दबाने के आरोप लगे। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है और डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर धरने पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है।

इससे पहले CJI ने कहा था कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा

CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करें।

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को लचर जांच के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद रात साढ़े ग्यारह बजे जाकर केस दर्ज किया। कोर्ट ने क्राइम सीन को सुरक्षित करने में हुई  देरी पर भी सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि वह सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के साथ बैठक करें और तय करें कि जब तक नेशनल टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट नहीं देती तब तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या किया जाना चाहिए। कोर्ट ने 1 हफ्ते में बैठक करने को कहा और अपने आदेश में फिर दोहराया कि पश्चिम बंगाल सरकार शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

सुनवाई के दौरान CBI ने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी। मामले में अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।