दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर मानहानि के एक मामले में कोर्ट में पेश ना होने के चलते एक एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोनों नोताओं पर यह जुर्माना लगाया। दोनों को अदालत में पेश होना था क्योंकि केस मे आरोप तय होने थे लेकिन दोनों के गैरहाज़िर रहने के चलते आरोप तय नहीं हो पाए। मानहानि के इस मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ-साथ उनके पुराने साथी और आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में एक रहे योगेंद्र यादव भी शामिल हैं।

योगेंद्र यादव भी सोमवार को कोर्ट में पेश नहीं हुए लेकिन क्योंकि उनकी तरफ से अदालत में अर्ज़ी दी गई थी कि उनकी मां के निधन के बाद के संस्कारों को पूरा करने के चलते वह कोर्ट में हाज़िर नहीं हो पाएंगे। इस वजह से कोर्ट ने उन्हें आज पेशी से छूट दे दी।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी 2018 को होगी और उसी दिन कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता योगेंद्र यादव के खिलाफ मानहानि के मामले में आरोप तय करेगा।

क्या है मामला?

मामला 2013 का है उस वक्त विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की शाहदरा विधानसभा सीट से सुरेंद्र शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया। बाद में पार्टी ने सुरेंद्र शर्मा का टिकट काट दिया और किसी दूसरे प्रत्याशी को पार्टी की ओर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया। इस पर जब आम आदमी पार्टी से पूछा गया कि उसने पहले सुरेंद्र शर्मा को टिकट दिया था तो फिर बाद में उनका टिकट क्यों काट दिया गया तो आम आदमी पार्टी ने सुरेंद्र शर्मा पर आरोप लगाया कि उनका क्रिमिनल बैकग्राउंड रहा है। इसी के बाद पेशे से वकील सुरेंद्र ने कड़कड़डूमा कोर्ट में तीनों नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया। सुरेंद्र शर्मा ने अदालत में कहा कि इन तीनों नेताओं के बयान की वजह से समाज में उनकी छवि बिगड़ी है।

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