सुप्रीम कोर्ट से सरकार को झटका लगा है। यह झटका होटल और रेस्टोरेंट्स में मिनरल वाटर की बोतल को ज्यादा दाम में बेचने के मामले में लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि होटल और रेस्टोरेंट्स छपी कीमत से ज्यादा में बोतल बंद पानी बेच सकते हैं। लेकिन सरकार ने कहा था कि ऐसा करना गलत है और जुर्माना और सज़ा हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि होटल, मॉल, मल्टीप्लेक्स, रेस्तरां में लोग आनंद उठाने के लिए जाते हैं। इन जगहों का माहौल और स्तर यहां के सामान की कीमत तय करता है। ऐसे में यह MRP से ज्यादा कीमत वसूलने का अधिकार रखते हैं। कोर्ट ने सिर्फ पानी की बोतल तक ही मामले को सीमित नहीं रखा उसने कहा कि इस दायरे में पैकेटबंद खाने का सामान जैसे की चिप्स और बिस्किट वगैरह भी आ सकते हैं। हालांकि मंगलवार को जस्टिस रोहिंगटन नरीमन की बेंच ने इस पर कोई आदेश जारी नहीं किया।

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा था कि उपभोक्ता से बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा कीमत वसूलना उसके अधिकारों का हनन है। सरकार ने यह भी कहा कि ऐसा करना टैक्स चोरी को बढ़ावा देता है और सरकार को सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में नुकसान होता है।

सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा था कि इसकी धारा 36 में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को लेकर प्रावधान है। अधिनियम की धारा 36 कहती है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी प्री-पैक्ड वस्तु को उस वस्तु के पैकेट पर लिखी कीमत से ज़्यादा कीमत में बेचता है तो उसे दंड दिया जा सकता है। पहली बार ऐसा करने पर उस पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। उसके दोबारा ऐसा करने पर जुर्माने की राशि 50,000 तक जा सकती है और अगर कोई बार बार इस तरह का अपराध करता है तो जेल की सज़ा के साथ-साथ उस पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

दरअसल, 2015 में भी सरकार ने कहा था कि मिनरल वाटर को तय कीमत से ज्यादा पर बेचने वाले होटल और रेस्टोरेंट पर मामला चल सकता है। उस वक्त हाईकोर्ट की एक बेंच ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था। जिसके बाद फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया  (FHRAI) ने रिव्यू पिटिशन दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दिया था। इसके बाद FHRAI सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और इसी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।

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