इसी साल 8 सितंबर को गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न हत्याकांड के मामले में रायन ग्रुप के मालिक पिंटो परिवार को मिली अग्रिम ज़मानत के खिलाफ लगाई गई अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत अब 11 दिसंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी। रायन इंटरनेशनल स्कूल के मालिक पिंटो परिवार को इस वक्त अंतरिम जमानत मिली हुई है। इसी के खिलाफ प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और कहा था कि पिंटो परिवार गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है इसलिए उनकी अग्रिम ज़मानत रद्द की जानी चाहिए।
इस मामले में रायन इंटरनेशनल समूह की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल मुंबई में रहते हैं और कैसे यहां हुई हत्या के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वह प्रबंधन में कमी के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं ना कि इस हत्या के लिए। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की बेंच को यह भी बताया कि सीबीआई ने भी रायन इंटरनेशनल के ट्रस्टियों पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है।
प्रद्युम्न के पिता की तरफ से केस में वकील सुशील टेकरीवाल ने मुकुल रोहतगी की दलीलों पर आपत्ती जताई और रायन इंटरनेशनल समूह के ट्रस्टियों की अग्रिम ज़मानत को रद्द करने की मांग की।
बता दें कि प्रद्युम्न हत्याकांड में सीबीआई ने रायन स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के एक छात्र को मुख्य आरोपी बनाया है। सीबीआई के मुताबिक इस छात्र ने परीक्षा और पीटीएम कैंसल करवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की। इस हत्याकांड में पहले पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक को जिला अदालत से रिहाई मिल चुकी है।