Bihar Land Dispute Case in Patna High Court: बिहार के वैशाली जिले के बेलसर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में जमीन मापी को लेकर हुए विवाद के बाद दो पक्षों के बीच हिंसा भड़क गई। इस घटना में पीड़ित पक्ष, राजीव कुमार पांडे और उनके परिवार के चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह मामला अब पटना हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने सुनवाई के बाद आरोपियों को जमानत दे दी। लेकिन पीड़ित परिवार का आरोप है कि गंभीर आरोपों के बावजूद बेल दी गई और अब उन्हें केस वापस लेने की धमकी दी जा रही है।
दरअसल, इस मामले में राजीव पांडे ने स्थानीय थाने की पुलिस को लिखित शिकायत दर्ज कराई और बताया कि कल्याणपुर गांव में 15 सितंबर 2024 को पंचायत मुखिया, सरपंच और ग्रामीणों की मौजूदगी में जमीन का नाप-जोख पूरा किया गया। यह प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई, लेकिन इसी रात करीब 8:45 बजे आरोपी पक्ष के राजकिशोर ठाकुर, अवधेश ठाकुर, पुष्प राज, कौशल किशोर ठाकुर और परिवार के अन्य सदस्य राजीव कुमार पांडे के दरवाजे पर पहुंचे और उनके परिवार पर हमला कर दिया। इस हिंसा में परिवार के चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, इस मामले में आरोपियों की ओर से 19 सितंबर 2024 को एक काउंटर केस दर्ज करवाया गया, जिसपर पीड़ित पक्ष का कहना है कि उनपर अपहरण का झूठा आरोप लगाया गया है। इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी। पीड़ित पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह एक गैर-जमानती मामला था और गंभीर आरोप होने के बावजूद आरोपियों को बेल मिल गई।
हाईकोर्ट के आदेश के बिंदु संख्या 4 में आरोपी पक्ष ने दावा किया है कि झगड़ा जमीन की माप के दौरान हुआ था, जबकि उनकी एफआईआर फाइल में कहा गया है कि वे अपहरण के इरादे से आए थे और हमला किया था। कोर्ट ने कहा कि इन दोनों बयानों में विरोधाभास है।
पीड़ित पक्ष के गंभीर आरोप
इस मामले में अब हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं, क्योंकि पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि अवधेश ठाकुर, पुष्प राज और अन्य आरोपी उन्हें लगातार केस वापस लेने की धमकियां दे रहे हैं। परिवार का कहना है कि अगर उन्होंने केस वापस नहीं लिया, तो उन पर दोबारा हमला किया जाएगा और हत्या कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, आरोपियों ने परिवार के 14 वर्षीय रिशु कुमार के अपहरण की भी धमकी दी है।
पीड़ित पक्ष के मुताबिक, आरोपी कह रहे हैं कि जब 1998 के एक हत्या के मामले में उनका नाम हटा दिया गया और 2004 के महिला उत्पीड़न केस में भी कुछ नहीं हुआ, तो अब भी कुछ नहीं होगा। इसके अलावा, आरोपियों का कहना है कि गांव में अधिकतर लोग उनके रिश्तेदार हैं, इसलिए कोई भी उनके खिलाफ गवाही नहीं देगा।