स्वामी रामदेव से जुड़े पतंजलि योग लिमिटेड को नोएडा में ‘फूड पार्क’ बनाने के लिए दी गई 4,500 एकड़ जमीन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पतजंलि आयुर्वेद लिमिटेड के निदेशक बाबा रामदेव, गौतम बुद्धनगर के डीएम बृजेश नारायण सिंह और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह को अवमानना का नोटिस जारी किय है। यह नोटिस जस्टिस एके मिश्र ने सोहन लाल की याचिका पर दिया है। यह नोटिस कोर्ट के उस आदेश की अवहेलना करने पर दिया गया है जिस में हाईकोर्ट ने 30 अगस्त को आवंटित ज़मीन पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था।
पतंजलि योग लिमिटेड के इस ‘फूड पार्क’ को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं और आरोप लगाया गया है कि इस ज़मीन पर 6000 पेड़ हैं और उन्हें काटने से पर्यावरण को बड़ा नुकसान होगा।
पिछली सुनवाई के दैरान इस मामले में यूपी सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने अलग-अलग दावे कोर्ट में किए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि अथॉरिटी ने आवंटित ज़मीन पर से करीब 300 पेड़ काट दिए हैं, वहीं अथॉरिटी की ओर से इसके उल्ट यह कहा गया कि उन्होंने कोई पेड़ नहीं काटा हैं। इस हाईकोर्ट ने कहा था कि, ना तो सरकार और ना ही अथॉरिटी यह बता रही है कि ज़मीन पर से पेड़ किसने काटे और इससे यह लग रहा है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद कोर्ट ने विवादित ज़मीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने जवाब मांगा था कि किसकी अनुमति से यह हरे पेड़ काटे गए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने पिछले साल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फूड और हर्बल पार्क के लिए नोएडा के कादिलपुर और सिलका गांव में यह 4500 एकड़ जमीन दी थी। अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही एक दिसंबर को इस पार्क का शिलान्यास भी किया था।