Nithari Case: नोएडा के कुख्यात निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए दोनों को बरी कर दिया है। दरअसल, इसके पहले गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय करते हुए दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी।
बता दें, सुरेंद्र कोली को 10 से अधिक मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी। वहीं ट्रायल कोर्ट ने मनिंदर सिंह पंढेर को तीन मामलों में मौत की सजा सुनाई थी। आज जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस एस एच ए रिजवी की डिवीजन बेंच से फैसला आया है जिसमें दोनों को निर्दोष करार दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट निठारी कांड में सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है। आरोप संदेह से परे साबित न हो पाने के कारण अदालत की ओर से निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया गया है।
Nithari Case: लंबी चली बहस
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस एच ए रिजवी की खंडपीठ ने लंबी चली बहस के बाद अपीलों पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार 16अक्टूबर को फैसला सुनाया गया।
आरोपियों ने हाईकोर्ट में दी ये दलील
आरोपियों की तरफ से हाईकोर्ट में दलील दी गई है कि इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। सिर्फ वैज्ञानिक व परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया है और फांसी की सजा दी गई है। अर्जियों में फांसी की सजा को रद्द किए जाने की अपील की गई थी। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर एक मामले में हाईकोर्ट से बरी हो चुका है।
बता दें, मनिंदर सिंह पंढेर की नोएडा स्थित कोठी का सुरेंद्र कोली केयर टेकर था। उसने गरीब नाबालिग लड़कियों को नौकरी पर रख यौन शोषण के बाद नृसंस हत्या कर कंकाल नाले में फेंक साक्ष्य मिटाने की कोशिश का आरोप लगा था। उसके इस आपराधिक कृत्य में पंढेर को भी लिप्त बताया गया था। सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की और गाजियाबाद की सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई। जिसके खिलाफ अपीलें दाखिल की गई है।
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