Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी कर्मचारी की सेवा समाप्ति को अंतरिम आदेश के माध्यम से स्थगित कर देना उसे पूरी राहत देने के समान है। बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका पर गुणदोष पर विचार किए बगैर अंतिम आदेश नहीं दिया जा सकता।कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण प्रयागराज के बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।मामले की शीघ्र सुनवाई कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की युगलपीठ ने केंद्र सरकार की याचिका पर दिया।
Allahabad HC: HC में चुनौती दी
इलाहाबाद स्थित केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में कर्मचारी रामप्रसाद ने अपनी सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी। न्यायाधिकरण ने अंतरिम आदेश से बर्खास्तगी आदेश स्थगित कर दिया और जवाब मांगा।इसी फैसले को केंद्र सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।
केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि कैट ने कर्मचारी की सेवा समाप्ति पर रोक लगाकर अंतरिम स्तर पर ही पूरी राहत दे दी है।उन्होंने तर्क दिया कि सेवा समाप्ति आदेश की वैधता का परीक्षण किए बिना स्थगन आदेश देना विधि संगत नहीं है। न्यायालय ने कहा कि कैट ने सेवा समाप्ति की वैधता का परीक्षण किए बिना ही स्थगन आदेश जारी किया है।ऐसा अंतरिम आदेश याची को पूर्ण अनुतोष दिये जाने के समान है। कोर्ट ने कैट द्वारा दिए स्थगन आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की शीघ्र सुनवाई कर याचिका निस्तारित कर दी है।
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