पुस्तक समीक्षा: Tribal Hero: Shibu Soren

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‘Tribal Hero: Shibu Soren’ वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित एक गहन शोध आधारित जीवनी है, जिसे प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। यह पुस्तक झारखंड के महान आदिवासी नेता शिबू सोरेन, जिन्हें लोग प्रेमपूर्वक ‘दिशोम गुरुजी’ कहते हैं, के जीवन, संघर्ष और विरासत का व्यापक चित्र प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक झारखंड की पहचान, आदिवासी आंदोलन और राज्य गठन की कहानी को नेता-केन्द्रित दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है।

लेखक शिबू सोरेन की यात्रा को एक आदिवासी गाँव से लेकर राष्ट्रीय राजनीति के मंच तक विस्तार से प्रस्तुत करते हैं। पुस्तक में विशेष रूप से निम्न पहलुओं को प्रमुखता दी गई है: पारंपरिक महाजनी प्रथा के विरुद्ध संघर्ष, आदिवासी सामाजिक जागरूकता आंदोलन का नेतृत्व और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन।

शिबू सोरेन को केवल एक राजनीतिक नेता नहीं बल्कि एक सामाजिक क्रांतिकारी के रूप में चित्रित किया गया है, जिन्होंने आदिवासी समाज को संगठित किया और हाशिए पर पड़े समुदायों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया।

शैली और संरचना
लेखक ने घटनाओं को कालानुक्रमिक ढंग से सजाया है, जिससे पाठकों को शिबू सोरेन की जीवनयात्रा की स्पष्ट झलक मिलती है। शैली सरल, संवादात्मक और पठनीय है, जिससे आम पाठक भी विषय से जुड़ पाते हैं। राजनीतिक संघर्ष, जेल यात्राएं, संसद में भाषण, और आंदोलन की रणनीति—सभी को लेखक ने सजीव रूप में प्रस्तुत किया है।

विशेषताएं
आंदोलन से लेकर राज्य गठन और राजनीतिक कार्यकाल तक संपूर्ण जीवन शामिल है। पुस्तक केवल राजनीतिक घटनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि आदिवासी समाज में जागरूकता और संगठन की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डालती है।

Tribal Hero: Shibu Soren एक प्रेरणादायक, शोधपूर्ण और भावनात्मक जीवनी है, जो झारखंड आंदोलन, आदिवासी नेतृत्व और राजनीतिक संघर्ष को समझने के लिए अनमोल दस्तावेज़ की तरह है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयुक्त है जो भारतीय राजनीति, क्षेत्रीय आंदोलनों और आदिवासी चेतना में रुचि रखते हैं।