‘एक ऐलानिया मौत का किस्सा’ स्पेनिश उपन्यास ‘क्रॉनिकल ऑफ ए डेथ फोरटोल्ड’ का हिंदी अनुवाद है. इसके लेखक हैं गैब्रियल गार्सिया मार्केज. यह उपन्यास मूल रूप में 1981 में प्रकाशित हुआ था. इस उपन्यास में सैंटियागो नासर की हत्या के इर्द-गिर्द की घटनाओं के बारे में बताया गया है. उपन्यास में शादी की रात, यह पता चलने के बाद कि एंजेला कुंवारी नहीं थी, एंजेला का पति उसे उसके घर वापस लौटा देता है. एंजेला के भाई उससे पूछते हैं कि उसका कौमार्य किसने लूटा, और वह उन्हें बताती है कि सैंटियागो नासर ने ऐसा किया है. उसके भाई सैंटियागो की हत्या कर देते हैं.
ऐसा माना जाता है कि क्रॉनिकल ऑफ ए डेथ फोरटोल्ड की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. जिसके बारे में लेखक को कहीं से पता चला था. उपन्यास एक रहस्य जैसा है. पाठक को शुरू में पता चल जाता है कि सैंटियागो नासर मरने वाला है. कहानी सिलसिलेवार नहीं कही जाती. उपन्यास परिस्थितियों को अधिक बताता है. उपन्यास में एक बात को अलग-अलग लोगों के नजरिए से बताया गया है लेकिन ऐसा क्यों बताया जा रहा है ये साफ नहीं है. जो अपने आप में प्रतीकात्मक है.
उपन्यास में अप्रासंगिक विवरण भी मिलते हैं. यह अपने आप में एक शैली है. उपन्यास में लेखक कई ऐसी घटनाओं का जिक्र करते हैं जो कहानी कहने के लिए गैर जरूरी थीं लेकिन उन्होंने उन घटनाओं का जिक्र किया है. पूरे उपन्यास में हम कभी नहीं जान पाते कि दोषी कौन था.
उपन्यास में महिलाओं के संबंध में सामाजिक परंपराओं की क्रूरता बताई गई है. पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह से पहले यौन संबंध को लेकर क्या धारणा है ये बताई गई है. कोलंबियाई संस्कृति में शादी का महत्व भी बहुत स्पष्ट है.
उपन्यास बताता है कि लोगों की नजर में एक युवती का कौमार्य उसके परिवार का सम्मान है. लोगों की औरत और मर्द के यौन आचार को लेकर क्या सोच है वो भी बताई गई है. उपन्यास में शहर के लोग निष्क्रिय हैं. लेखक बताते हैं कि वे उस समुदाय का हिस्सा है जिसमें हत्या हुई थी. उपन्यास में कोई खुलासा नहीं किया गया है. यह सबसे रहस्यमय है.
उपन्यास में जांच का उद्देश्य सत्य की खोज नहीं है, बल्कि यह निर्धारित करना है कि इस तरह की हत्या कैसे हुई होगी. उपन्यास के मूल में केंद्रीय प्रश्न यह है कि सैंटियागो नासर की हत्या के बारे में सबको पता है फिर भी इसे रोकने में कोई सक्षम या इच्छुक नहीं था.
उपन्यास बताता है कि असली रहस्य यह है कि पूरे शहर ने हत्या को होने क्यों दिया. इसे रोकने या पीड़ित को चेतावनी देने के केवल आधे-अधूरे प्रयास ही क्यों किए गए.
किताब के बारे में
बांइडिंग: पेपरबैक
पेज संख्या: १२०
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
मूल्य: १७९ रुपए