कल यूपी की योगी सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। योगी सरकार का यह बजट कुल 3.84 लाख करोड़ का है। योगी के इस पहले बजट में गांव, खेत, किसानों और युवाओं का खास ध्यान रखा गया है। बता दें कि योगी के इस बजट में जहां नई योजनाओं के लिए 55 हजार 781 करोड़ रुपए जारी किए हैं, वहीं सपा सरकार की दर्जन भर से अधिक योजनाओं को बंद कर दिया गया है।
दरअसल योगी का यह बजट पिछले साल के बजट के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है। इस बजट में किसान कर्ज माफी के लिए 36 हजार करोड़ की व्यवस्था है और 2 अक्टूबर 2018 तक सभी घरों में शौचालय बनाने को सरकार ने अपना लक्ष्य रखा है। बजट में ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा देने तथा ‘पॉवर फॉर ऑल’ एवं डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्यों को भी शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि बजट की शुरुआत योगी सरकार के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल के भाषण से हुई। राजेश अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि “सरकार का यह बजट लोककल्याण के मूल मंत्र से प्रेरित है। इसमें जहां ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर बल दिया गया है, वहीं नगरीय क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान दिया गया है।“ उन्होंने कहा कि जीएसटी 19 मई को अधिसूचित की जा चुकी है। इससे आर्थिक वृद्धि होगी और व्यापार बढ़ने से केन्द्र और राज्य सरकार की आय में बढ़ोत्तरी होगी। अग्रवाल ने कहा कि काफी समय बाद ऐसा हुआ है कि केन्द्र और प्रदेश में एक ही दल की अगुवाई वाली सरकार है। हमारी सरकार केन्द्र के समन्वय से सरकार चलाएगी जबकि पिछली सरकारें ऐसा नहीं करती थीं।
उन्होंने सदन को बताया कि फसली कर्जमाफी के लिये बजट में 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी गई है। सरकार का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 10 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करना है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वांचल के 38 जिले इंसेफेलाइटिस से प्रभावित हैं। उनमें से सात जिले इससे अत्यन्त प्रभावित हैं। सरकार ने अपने शुरुआती 100 दिनों में 88 लाख 62 हजार बच्चों को प्रतिरोधक टीका लगाया है। इसके अलावा यूपी में अब नेताओं और अभिनेताओं के नाम के बजाय सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के नाम पर स्कूल-कालेजों का नामकरण किया जाएगा।
अब बात अगर योजनाओं की करें तो अखिलेश की ये योजनाएं बंद हुईं
– समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना
– समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना
– समाजवादी पेंशन योजना
– यश भारती अवार्ड
– कृषक दुर्घटना बीमा योजना
– फ्री लैपटॉप योजना
– आई स्पर्श योजना
-कब्रिस्तान की चारदिवारी बनाने की योजना
– भूमि सेना योजना
– लोहिया ग्रामीण आवास योजना
– राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना
– हौसला योजना
– कन्या विद्या धन योजना
– इंदिरा आवास योजना
– इनोवेशन सेल, इनोवेशन पुरस्कार और स्टेट इनोवेशन फंड योजना
तो इन नई योजनाओं को अरबों रुपए खर्च किए जाएंगे
– 55,781 करोड़ रुपये की नई योजनाएं
– 1.50 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की योजना है
– प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़
– मलिन बस्ती विकास योजना के लिए 385 करोड़
– पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए 300 करोड़
– शहीदों के नाम पर स्कूल खोले जाएंगे
– 24 जनवरी को यूपी दिवस के रूप में मनाया जाएगा
– जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जाएगा
– चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 273 करोड़
– सब्जियों के उत्पादन-प्रबंधन के लिए 25 करोड़
– कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा, इलाहाबाद में फसलों पर शोध होगा
– आलू किसानों से एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने का लक्ष्य
– सोलर पंप योजना के लिए 125 करोड़
– किसान समृद्धि योजना के लिए 10 करोड़
– राज्य सड़क विकास निगम की स्थापना होगी। सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 598 करोड़
– लड़कियों को ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा। अहिल्याबाई नि:शुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़
– स्कूलों में बच्चों को जूता, मोजा, स्वेटर बांटने के लिए 300 करोड़
– बच्चों को यूनिफॉर्म और किताबों के लिए 124 करोड़
– स्कूलों में बच्चों को बैग बांटने के लिए 100 करोड़
– सिंगल ¨वडो क्लियरेंस के लिए 10 करोड़
– बिजली चोरी रोकने के लिए 75 जिलों में 75 बिजली थाने बनाए जाएंगे
जहां अपना दल (सोनेलाला) और भाजपा के मंत्रियों ने योगी सरकार के पहले बजट की तारीफ करते हुए इसे केंद्र की मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास के नारे को सार्थक करने वाला बताया वहीं समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने यूपी सरकार के बजट को दिशाहीन, दलित, किसान और व्यापारी विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार की योजनाएं बंद करके योगी सरकार ने साबित किया है कि वह विकास विरोधी है, क्योंकि ये योजनाएं प्रदेश के विकास और गरीबों के लिए थीं। हालांकि आज इस बजट पर यूपी विधानसभा में बहस होगी।