योगी सरकार के सत्ता में आते ही मानो समाजवादी के सितारे गर्दिश में चले गए हो, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे हो या यमुना एक्सप्रेस वे घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट हो या समाजवादी एम्बुलेंस घोटाला सपा सरकार की कई योजनाएं लगातार सीएम योगी के निशाने पर घिरती चली आ रही है। गुरुवार, 18 अप्रैल को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खां लाला ने पूर्व सरकार में नगर विकास मंत्री रहे आजम खां के खिलाफ राजभवन में शिकायत पत्र दर्ज करवाई थी। शिकायत पत्र में फैसल लाला ने आरोप लगाया कि आज़म खां ने पूर्व सरकार में मंत्री पद पर पदासीन रहते हुए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में धड़ल्ले के साथ हेरा-फेरी की।
उन्होंने रामपुर के मजलूमों को उजाड़कर न सिर्फ उनकी जमीनों पर कब्जा किया बल्कि तमाम सरकारी भवनों, जमीनों पर कब्जा करने के साथ ही सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया है। फैसल के इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। जिसके तत्पश्चात सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लेते हुए चौदह मुख्य बिंदुओं की फैसल लाला की शिकायत पर जांच बैठाई बल्कि आजम खां के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए है। साथ ही साथ सीएम योगी आदित्यनाथ मामले में स्टेटस रिपोर्ट राजभवन को भेज दी हैं।
घोटाले मामले में बीजेपी प्रवक्ता का बयान
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों और जमीन घोटाले में हुए हेरा-फेरी को लेकर योगी सरकार के अधिकारिक प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ ने कहा, ’वह आजम खां पर लगे सभी आरोपों की जांच कराएंगे।‘ हालांकि इसके पहले आजम खां ने खुद को निर्दोष बताते हुए अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को बेचा गया सादिक
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना काल्बे सादिक ने आजम खां पर आरोप लगाया कि सपा सरकार के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को बेच उन पैसों को आजम ने अपने निजी स्कूलों और यूनिवर्सिटी में लगा दिया है।
आरोप पुख्ता तो सपा अध्यक्ष अखिलेश पर उठेंगे सवाल
गौरतलब है कि सपा सरकार में आजम खां पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी मंत्री माने जाते है। अगर आजम खां पर लगे हुए आरोपों में सच्चाई पाई जाती है या आरोप पुख्ता होते हैं तो आजम के साथ कई सवालियां निशान अखिलेश यादव पर भी उठेंगे। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस घोटाले में पूर्व सीएम की क्या भूमिका रही है? क्योंकि अखिलेश के सीएम पद पर रहने के दौरान आजम ने पुलिस और प्रशासन की मदद से यहां रह रहे लोगों के कालोनियों पर बुलडोजर चलवाने के बाद यहां के जमीन को रामपुर पब्लिक स्कूल के दे दी थी।