देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बिना नाम लिए यशवंत सिन्हा को “80 की उम्र में नौकरी के उम्मीदवार” बताए जाने के बाद बीजेपी नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पटलवार कर उन्हें मुहतोड़ जवाब दिया है। कल यशवंत सिन्हा ने अरुण जेटली को जवाब देते हुए कहा कि “अगर मैं नौकरी का उम्मीदवार होता तो वो (जेटली को) वहाँ होते ही नहीं।” यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके बेटे जयंत सिन्हा को बीच में लाना मुद्दे को भटकाने की कोशिश है।
दरअसल यशवंत सिन्हा ने बुधवार (27 सितंबर) को इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिखकर अरुण जटेली और देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था की कड़ी आलोचना की थी। गुरुवार को अरुण जेटली ने एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में सिन्हा के लेख पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि “जेटली ने सिन्हा को 80 साल की उम्र में नौकरी चाहने वाला करार देते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को भूल गए हैं।”
जेटली के तंज का जवाब देते हुए सिन्हा ने कहा, ‘सरकार स्थिति को समझने में पूरी तरह असफल है। असली चिंता यह है कि वह समस्या को समझने की बजाय खुद की तारीफ करने और अपनी ही पीठ थपथपाने में जुटी है।’ सिन्हा ने खुद के मुकाबले उनके ही बेटे जयंत सिन्हा को बयानबाजी के लिए उतारने पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सही नहीं है। सिन्हा ने कहा “व्यक्तिगत आरोप के जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर देश की अर्थव्यवस्था खराब है इसका जिम्मेदार वित्त मंत्री ही होगा ना कि गृह मंत्री। मैं भी व्यक्तिगत आरोप लगा सकता हूं लेकिन मैं इस जाल में नहीं फंसूगा।
इतना ही नहीं सिन्हा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इकोनॉमिक फ्रंट पर सरकार असमंजस की स्थिति में है। पार्टी के कई सांसद मुझसे कह चुके हैं कि बैठक में किसी को मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं होती है।
गौरतलब है कि पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा पर सीधा हमला बोलते हुए जेटली ने कहा था कि 1998 से 2002 के बीच बैंकों का एनपीए 12-14 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उन्हें याद होगा 2002 का साल अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बेकार था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मजबूरन वित्तमंत्री को हटाना पड़ा। मुझे खुशी है कि उनके पास आडवाणी जो सलाह देने के लिए नहीं रिजर्व बैंक ने रेट नहीं घटाए। नोटबंदी के बाद थोड़े समय के लिए अर्थव्यवस्था में धीमापन आया, लेकिन लंबे समय में यह फायदा देगा।
हालांकि इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिर्फ यशवंत सिन्हा पर ही हमला नहीं किया बल्कि पी. चिदंबरम पर भी हमला किया। जेटली ने कहा कि “चिदंबरम को मेरा रिकॉर्ड तोड़ने के लिए दोबारा जन्म लेना होगा। एक ऐसा अयोग्य ‘डॉक्टर’ जो राजकोषीय घाटे को ठीक करने में नाकाम रहा। मैं उन्हें अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने का आरोपी मानता हूं। 1999 में बोफोर्स को लेकर विवाद हुआ, मैंने आवाज उठाई। आडवाणी जी ने मुझे बधाई दी और मेरे हाथ पकड़ लिए। उन्होंने कहा कि जब संसद में बोलो, तो मुद्दों पर बोलो, व्यक्तियों पर नहीं।”