World Hemophilia Day 2022: हर साल 17 अप्रैल के दिन विश्व भर में हीमोफीलिया दिवस (world hemophilia day) मनाया जाता है। हीमोफीलिया एक ऐसी घातक बीमारी होती है, जिसमें यदि व्यक्ति को चोट लगती है तो खून का थक्का जम नहीं पाता है। जिससे पीड़ित व्यक्ति को यदि हल्की सी भी चोट लगी है तो खून रुकता ही नहीं और ज्यादा खून बहने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इस दिवस को मनाने के पीछे की वजह हैं लोगों को जागरुक करना।
हीमोफीलिया एक प्रकार का ब्लीडिंग डिसऑर्डर हैं। यह एक जेनेटिक रोग है और बहुत कम लोगों में पाया जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी का पता आसानी से नहीं चल पाता। क्योंकि शरीर से बाहर बहने वाले रक्त को तो हम देख सकते हैं लेकिन कई बार आंतरिक अंगों में भी रक्तस्राव हो जाता है। जिसका पता लगाना आसान नहीं होता। इस बीमारी के लक्षणों में मुख्यत: चोट लगने पर रक्त का लगातार निकलना है। आंतरिक रक्तस्राव शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। कई बार यह जोड़ों के बीच होता है।
World Hemophilia Day 2022: पहली बार इस दिवस को कब मनाया गया?
यह दिवस 1989 में ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया’ द्वारा शुरू किया गया था। जिसके बाद हर साल इसे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी इसपर थीम रखी गई है। 17 अप्रैल 2022 थीम ‘एक्सेस फॉर ऑल’ (Access for All) है। । 1803 में इस बीमारी में यह पता चल पाया था कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है और मां से बच्चे को होती है। हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है जो खून में थाम्ब्रोप्लास्टिन या क्लॉटिंग फैक्टर की कमी की वजह से होती है।

हीमोफीलिया के लक्षण (Symptoms of hemophilia)
- किसी इंजरी, चोट, सर्जरी या दंत चिकित्सा के बाद अत्यधिक रक्तस्राव होना।
- जोड़ों में सूजन आना।
- कमजोरी आना और चलने में तकलीफ होना।
- गर्दन में अकड़न महसूस करना।
- नाक से खून बहना।
- सिर दर्द महसूस करना।
- मसूड़ों और दांतों से खून आने की समस्या होना।
- मूत्र या मल में रक्त आना।
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