कोरोना का राक्षस अभी भी खत्म होने का नाम नहीं रहा है। वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश में संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. हालांकि अब इलाज के बाद ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा हो चुकी है. लेकिन फिर भी वायरस का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन का इंतजार हर किसी को है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि वैक्सीन छह महीने के भीतर आ जाएगी। लेकिन पहली खेप में इसकी सीमित मात्रा ही उपलब्ध होगी। ऐसे में इस मसले पर सबसे बड़ा सवाल है कि कोरोना की वैक्सीन आई तो सबसे पहले किसे मिलेगी, वैक्सीन का बंटवारा कैसे होगा।
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही रिसर्च और वैक्सीन डवलेपमेंट के इकोसिस्टम का रिव्यू किया। इसके साथ ही पीएम मोदी टेस्टिंग टेक्निक, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, दवाइयों और इलाज के तरीकों की भी समीक्षा की। जानकारी के मुताबिक इस समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, कई वरिष्ठ वैज्ञानिक और तमाम अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने भारतीय वैक्सीन डेवलपर्स और निर्माताओं द्वारा कोविड-19 चुनौती के खिलाफ खड़े होने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की, और कहा कि वे ऐसे सभी प्रयासों के लिए सरकारी सुविधा और समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के दौरान ढिलाई बरतने के खिलाफ चेताया और महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिदिन के मामलों और वृद्धि दर में लगातार गिरावट का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री कार्यलय की ओर से कहा गया है कि भारत में तीन टीके विकसित होने के अडवांस स्टेज में हैं, जिनमें से दो टीके फेज दो में और एक टीका तीसरे फेज में है। पीएमओ ने यह भी कहा कि कोविड-19 वायरस जीनोम पर दो अखिल भारतीय अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस आनुवंशिक रूप से स्थिर है, इसमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं है।
लेकिन इसमें सबसे अच्छी बात यह सामने आई है कि वैक्सीन के लिए प्राथमिकता तय कर दी गई है। प्राथमिकता से वैक्सीन पाने वाले 30 करोड़ लोग कौन होंगे, इसकी लिस्ट तैयार की जा रही है। फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे- हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, पुलिस, सैनिटेशन कर्मचारी होंगे। इसमें कुल करीब 30 करोड़ लोग शामिल होंगे।
कोविड-19 की स्थिति और वैक्सीन वितरण की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि वैक्सीन के तैयार होने पर लोगों के पास इसे तेजी से पहुंचाया जाए। प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोजन की तरह टीका वितरण की ऐसी प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया जिसमें सरकारी और नागरिक समूहों के प्रत्येक स्तर की भागीदारी हो। इसके साथ ही पीएम ने आगामी त्योहारों के मौसम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की।