देश में लाल और नीली बत्ती आज से इतिहास बन जाएँगी। इसकी घोषणा यूँ तो पहले ही की जा चुकी थी और कई राज्यों ने इसे हाथों-हाथ लेते हुए तुरंत अमल में लाना भी शुरू कर दिया है लेकिन आधिकारिक तौर पर आज से यह कानून पूरे देश में लागू हो जायेगा। इस कानून के लागू होने के बाद लाल-नीली और पीली बत्ती का गैरकानूनी रूप से प्रयोग करने पर 3000 रूपए का जुर्माना सहित अन्य कारवाई की जा सकती है।
आज से लागू होने रहे इस नियम के बाद देश भर में वीआईपी कल्चर और स्टेटस सिंबल का प्रतीक बन चुके लाल नीली और पीली बत्ती गुल हो जाएगी। आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस पर फैसला 19 अप्रैल को हुई कैबिनेट बैठक में ही ले लिया था। इससे पहले इससे सम्बंधित फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय में करीब डेढ़ साल तक अटकी रही थी। इस आशय का मसौदा परिवहन मंत्रालय ने तैयार किया था। जिस पर प्रधानमंत्री को अपनी मंजूरी देनी थी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों सहित तमाम मंत्रियों से भी सलाह ली गई थी।
गौरतलब है कि इस कानून के लागू होने के बाद मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ी से यह बत्ती आज हट जाएगी। जबकि आपात सेवाओं सहित पुलिस और एम्बुलेंस पर इसका प्रयोग जारी रहेगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस फैसले में अति विशिष्ट लोगों जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और लोकसभा अध्यक्ष को लाल-नीली बत्ती के उपयोग को सही बताया है और यह जारी रहेगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कई राज्य अपने मंत्रियों और अधिकारियों को बत्ती हटाने सम्बंधित आदेश जारी कर चुके हैं। इस तरह का आदेश केंद्र सरकार से भी पहले आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने दिया था। जिसके बाद पंजाब और उत्तरप्रदेश में भी इसे लागू कर दिया गया है। लाल बत्ती हटाने वाले राज्यों में ज्यादातर बीजेपी शासित राज्य हैं। हालांकि नेताओं और अधिकारियों के लिए यह फैसला मानना थोडा मुश्किल है। यही वजह है कि मन से लाल बत्ती की ललक अभी भी हट नहीं रही और इसके विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इस फैसले के बारे में कल मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में अब विआईपी नहीं ईपीआई(एवरी पर्सन इज इम्पोर्टेन्ट) है।कुल मिलकर देखें तो लाल-नीली बत्ती के गुल होने के बाद आम और खास के बीच का बड़ा अंतर ख़त्म तो नहीं लेकिन कम जरुर होगा।