देश के 17वें उपराष्ट्रपति का चुनाव मंगलवार (9 सितंबर) को होने जा रहा है। एनडीए की ओर से सी.पी. राधाकृष्णन उम्मीदवार बनाए गए हैं, जबकि इंडिया गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि इस बार दोनों ही दावेदार दक्षिण भारत से आते हैं।
सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक करियर लंबा रहा है। वे महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं और झारखंड व तेलंगाना में भी अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। भाजपा को दक्षिण में मजबूत आधार दिलाने में उनका बड़ा योगदान माना जाता है। तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय किया। इसके अलावा, राधाकृष्णन 1998 और 1999 में कोयंबटूर से भाजपा सांसद भी चुने गए थे। महज 16 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे और 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति में भी शामिल हुए।
वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी बी. सुदर्शन रेड्डी का बैकग्राउंड न्यायपालिका से जुड़ा है। वे तेलंगाना के रहने वाले हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं। रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, गुवाहाटी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2007 में वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। साथ ही, उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया था, हालांकि सात महीनों के भीतर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।
संसदीय गणित देखें तो वर्तमान में राज्यसभा के 238 और लोकसभा के 542 सदस्य मतदान करेंगे। जीत दर्ज करने के लिए 391 सांसदों का समर्थन आवश्यक है। एनडीए के पास 425 सांसद हैं, जिससे उसकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन इंडिया गठबंधन भी इस बार कड़ा मुकाबला देने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा था। उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि धनखड़ और केंद्र सरकार के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।