उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में चौथे दिन भी राहत-बचाव अभियान लगातार जारी है, जिसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कर रहे हैं। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बादल फटने से आए अचानक सैलाब में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं। बचाव के लिए हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और लोगों को मातली हेलीपैड लाकर आगे उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने पर जोर
सीएम धामी ने अधिकारियों को सड़क, संचार, बिजली और खाद्य आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हर व्यक्ति को सुरक्षित बाहर लाने और स्थिति को शीघ्र सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
वायुसेना की अहम भूमिका
सड़क संपर्क टूटने के बाद राहत कार्यों में वायुसेना की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। शिनुक और Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों के साथ C-295 और AN-32 परिवहन विमान लगातार काम कर रहे हैं। वायुसेना अब तक लगभग 20 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचा चुकी है और 130 एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना के कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
9 जवान लापता, तलाश जारी
एनडीआरएफ की टीमों में 69 बचावकर्मी, दो खोजी कुत्ते और पशु चिकित्सक भी शामिल हैं। सेना के अनुसार, 50 से अधिक लोग और एक जूनियर कमीशन ऑफिसर समेत नौ सैन्यकर्मी अभी भी लापता हैं। हेलीकॉप्टर लगातार गांवों और सैन्य शिविरों से लोगों को निकाल रहे हैं।
बारिश बनी बाधा
बीते दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। कई सड़कें भूस्खलन और मलबे से अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हैं, जिससे आपदा प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद राहत दल वायुसेना की मदद से कठिन परिस्थितियों में भी काम जारी रखे हुए हैं।
उपकरण हवाई मार्ग से भेजे जा रहे
अधिकारियों ने बताया कि मलबे में दबे लोगों की तलाश तेज करने के लिए आधुनिक उपकरणों को हवाई मार्ग से धराली तक पहुंचाया जा रहा है। भारतीय सेना और अन्य एजेंसियां मिलकर धराली और हर्षिल में मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान को गति दे रही हैं। भूस्खलन और सड़कों के टूटने से यह इलाका अब भी बाकी क्षेत्रों से कटा हुआ है, इसलिए ज्यादातर राहत सामग्री और उपकरण एयर रूट से ही भेजे जा रहे हैं।