कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से संघर्ष कर रही मोदी सरकार को अमेरिका से बड़ी राहत मिली है। अमेरिका ने प्रतिबंधों के बावजूद भारत को ईरान से कच्चे तेल की खरीदने की मंजूरी दी है। यह छूट अगले साल मई के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी और इससे सरकार को अपने इस कार्यकाल तक कच्चे तेल के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। मोदी सरकार का मौजूदा कार्यकाल मई 2019 में समाप्त हो रहा है। इस छूट के चलते भारत की ओर से ईरान को अनाज, फार्मा प्रॉडक्ट्स और ऑटो पार्ट्स का निर्यात किया जा सकेगा।
आम चुनाव अगले साल मई के मध्य तक हो सकते हैं। ऐसे में अमेरिका की ओर से मिली यह राहत क्रूड ऑइल के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत देगी। बीते कई सप्ताह में केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते दबाव झेलना पड़ा है। इसी वजह से सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.5 रुपये की कटौती करने का फैसला लिया। इसके बाद कई बीजेपी शासित राज्यों ने भी 2.5 रुपये वैट में कटौती कर उपभोक्ताओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश की। 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीख के ऐलान से ठीक पहले केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया।
ईंधन की कीमतों में इजाफे का असर रुपये की कमजोरी के तौर पर भी देखने को मिला है। इससे चालू खाते घाटा बढ़ा है, जो निर्यात और आयात के बीच का अंतर होता है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट आई है और सरकार को उम्मीद है कि ईरान की ओर से पेमेंट की आकर्षक शर्तों के चलते स्थिति में और सुधार होगा।