जहां एक ओर देश में मासूमों के साथ रेप की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है वहीं न्याय के भरोसे बैठे लोगों को पंचायत की तरफ से मिल रहे उल-झलूल फरमान भी किसी बोझ से कम नहीं है। झारखंड के चाईबासा की महापंचायत इसका एक बड़ा सबूत है, जहां महापंचायत ने एक तुगलकी फरमान सुनाया है।
दरअसल, आरोपी रोबिन उर्फ मानसिंह कुंकल अपने बड़े भाई के यहां काम करता था। करीब दो साल से रोबिन पीड़िता के घर में रहने लगा। इसी बीच रोबिन ने डरा-धमकाकर छठी कक्षा में पढ़ने वाली 13 साल की भतीजी के साथ कई दफा रेप किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। मामला सामने आने के बाद गांव में पंचायत बुलाई गई, लेकिन रोबिन कुंकल पंचायत के सामने पेश नहीं हुआ था। फिर गत मंगलवार को महापंचायत में वह आया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इसी वजह से उसे महापंचायत में सजा सुनाई गई।
महापंचायत ने 28 साल के चाचा को दुष्कर्म का आरोपी करार देते हुए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद आरोपी और पीड़िता को जिंदा जलाने का तुगलकी फरमान सुना दिया। जानकारी के मुताबिक आरोपी का नाम रोबिन है। आरोपी और पीड़िता को यह फरमान महापंचायत ने लगभग 5 बजे सुनाया।
इस दौरान ‘हो आदिवासी समाज युवा महासभा’ के पदाधिकारी और ग्रामीण मौजूद थे। महापंचायत ने रेप के आरोपी चाचा को बुलाया था जहां
घटना की जानकारी मिलने पर एसपी क्रांति कुमार ने एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय को जांच के आदेश दिए हैं। एसपी कुमार का कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है। इसकी जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार ‘आदिवासी हो समाज युवा महासभा’ के जिलाध्यक्ष गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने फैसला पढ़कर सुनाया था। इस फैसले में कहा गया था कि कोई भी शख्स समुदाय से बढ़कर नहीं होता है। इस तरह की घटना दोबारा घटित न हो इसके लिए ‘हो’ परंपरा और रीति रिवाजों के अनुसार दोनों को जिंदा जलाने का फैसला सुनाया। वहीं पंचों ने इस सामाजिक फैसले का समर्थन किया।