आनंद रेड्डी एक आईएफएफ ऑफिसर है। यह खबर उन्होने खुद पोस्ट किया है। खबर यह है कि जैसा आपको तस्वीर में नजर आ रहा होगी की जामुन के पेड़ के नीचे ढेरों गुलेल रखे हुए हैँ। यह वहीं गुलेल है जो बेरी से बेर तोड़ने में काम आती है। मगर यह खबर कुछ अलग है। आनंद नें पोस्ट में लिखा है कि यहा पर एक दुविधा है। आप एक पंक्षी को जब देखते हो ,आप जब एक क्यूट बच्चे को देखते हो, और जब आप देखते हो बच्चे ने पंक्षी को मार दिया क्या आपको उस बच्चे को सजा देने का मन करेगा । मनर नासिक में यह आम बात है। जिसके कारण जंगल में पंक्षी नहीं है,और ना ही उनके चह चहाने की कोई आवाज आती है।
आनंद रेड्डी ने ये पोस्ट ट्वीटर पर साझा किया है। इस पोस्ट में उन्होने कुछ तस्वीरे भी लगाई है। जिसमें बच्चों नें गुलेल को अपने आगे रखा हुआ है। मगर बच्चों ने अपने हाथ में बैनर लिया हुआ है और उस पर लिखा है कि ‘ गलोर हटवा पक्षी वाचवा ‘ उनका कहना यह है कि गुलेल को हटाओ और पक्षी बचाओ।
उनका कहना है कि बच्चों से गुलेल को छोड़ने के लिए बात करें उन्हें बतायें कि यह कितना खतरनाक है। उनसे वादा करवायें की यह काम अब कभी ना करें।
इस वीडियो को देखिए बच्चे कैसे हाथ में गुलेल को लेकर प्रचार कर रहे है। और वो साथ ही बोल रहे है कि गुलेल हटाओ पंक्षी बचाओ।
बच्चों ने बीते 30 दिनों में 590 गुलेल सरेंडर कर चुके है। आनंद रेड्डी के साथ 68 गावों के बच्चों नें शपथ ली है की अब बो गुलेल अपने पास नहीं रखेंगे। साथ ही पक्षीयों को मारेगे भी नहीं और दुसरों को भी इलके बारे में बताएंगे।
गुलेल पक्षींयों के लिए बेहद खतरनाक है। इसका सीधा असर हम मानवों पर पड़ेगा।
आंनद रेड्डी का यह काम लोगो को बेहद पसंद आया। लोगों ने इनकी खुब तारीफ की।