सारी कस्में झूठी हैं मर्यादा क्यों टूटी है। इन आठ शब्दों में इन बेटियों का दर्द साफ झलकता है। इन बच्चों को मजबूर होकर शोषण के खिलाफ आवाजें उठानी पड़ीं। कहना पड़ा कि एक दो तीन चार, नहीं सहेंगे अत्याचार। ये आवाजें देहरादून के राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान के छात्र-छात्राओं की हैं। शिक्षा संस्थान की छात्राओं ने टीचर और मैनेजमेंट पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का आरोप है कि उनके अध्यापक क्लासरूम में उन्हें छेड़ते हैं और उनसे गंदी बातें करते हैं। इतना ही नहीं छात्राओं ने और भी कई खुलासे किए थे, जिसके बाद एनआईवीएच में बाल आयोग और पुलिस की टीमों ने भी बच्चों से पूछताछ की थी।

राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान में अध्यापक पर छात्राओं से छेड़छाड़ और शारीरिक शोषण जैसे गंभीर आरोपों की जांच पुलिस मुख्यालय ने डीएसपी जया बलोनी को सौंपी है। उनसे दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। जांच टीम ने पूछताछ के बाद शुरुआती दौर में ही पुलिस ने आरोपी शिक्षक नारंग के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्रालय ने भी संस्थान से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। आंतरिक जांच भी बैठा दी गई है।जो एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजेगी। उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बच्चों से मुलाकात कर उनकी बातें सुनीं।

छात्राओं का आरोप है कि अध्यापक उन्हें कुछ समझाने के बहाने बैड टच करता है। इतना ही नहीं, छात्राओं ने ये भी बताया कि इस तरह की हरकतें आये दिन संस्थान में तो ही रही हैं साथ ही गर्ल्स हॉस्टल में भी बाहर से आये लड़के और गार्ड उनपर गंदे-गंदे कमेंट करते हैं। छात्राओं ने डायरेक्टर अनुराधा डालमिया पर आरोप लगाते हुए कहा था की डायरेक्टर शिक्षक को बचाने की कोशिश कर रही हैं। आरोप लगने के बाद एनआईवीएच की डायरेक्टर अनुराधा डालमिया ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

महिला एवं बाल आयोग की ओर से भी एक कमेटी मामले की जांच कर रही है। वहीं पुलिस मुख्यालय ने उस वीडियो की जांच कराने को भी कहा है, जो संस्थान में प्रदर्शन का बताकर वायरल किया जा रहा है। जबकि अपनी साख बचाने के लिये राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान प्रबंधन इस मामले को अध्यापकों के दो गुटों की लड़ाई का परिणाम बता रहा है। NIVH संस्थान में देशभर से आये दृष्टि बाधित छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में छात्राओं के इस आंदोलन से एशिया के सबसे बड़ा दृष्टि बाधितार्थ केंद्रीय संस्थान एनआईवीएच की छवि को बट्टा तो लग ही गया है।

कभी शांत रहनेवाला देहरादून आज कहीं खो सा गया है।सड़क हादसे हों या दुष्कर्म की घटनाएं, नशे कारोबार हो या चोरी-लूट की वारदातें उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी कहलाने वाला देहरादून भी इन सबसे पीछे नहीं है।एक के बाद एक दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती है। अबकी देहरादून में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको हैरान कर दिया है। नेत्रहीन बच्चों ने अध्यापक पर छेड़खानी और उनसे गंदी बातें करने के आरोप लगाये हैं। हंगामे के बाद आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।लेकिन, गुरु कहलाए जाने वाले शिक्षक पर नेत्रहीन बच्चों के गंभीर आरोप से संस्थान शर्मसार हो गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन

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