सरकार ने बकाया कर के मामलों में 100 रूपये तक के सभी बकाया आयकर वाले लोगों का कर माफ करने का फैसला लिया है। ऐसे लगभग 18 लाख बकाएदार हैं, जिनके ऊपर 100 रुपए तक का आयकर बकाया है।
इस फैसले से सरकार को 7 करोड़ का नुकसान होगा लेकिन सरकार के इस फैसले से 18 लाख बकायेदारों को लाभ होगा और साथ ही इस फैसले के चलते सरकार के पास 18 लाख बकायेदारों के लंबित मामले एक साथ निपट जायेंगे और बैंकों के ऊपर से भारी मात्रा में बकाया राशि को वसूलने का बोझ भी कम हो जाएगा। सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि इन 18 लाख लोगों से 100 रुपए तक के बकाया कर को वसूलने में बहुत पैसा खर्च करना पड़ रहा था उतना तो सरकार को कर भी नहीं मिलता।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस फैसले को हरी झंडी दे दी है। अरूण जेटली ने इस फैसले को डेलिगेशन ऑफ पॉवर रूल्स 1978 के तहत मंजूरी दी है। इस एक्ट के तहत वित्त मंत्री को कोई भी कर बकाया माफ करने का अधिकार है जबकि एसपीएम के तहत 25 लाख रूपये तक का बकाया माफ करने का अधिकार है। चालू वित्त वर्ष की शुरूआत में सरकार ने 5 हजार रूपये तक बकाया रिफंड करने का फैसला लिया था और कर दाताओं का बकाया 5 हजार तक के सभी मामलों को निपटाने को कहा गया था।
वैसे जिन 18 लाख बकायेदारों का कर माफ किया गया है उनमे से ज्यादातर मामले तीन साल से अधिक पुराने हैं सरकार के इस कदम से लंबित मामलों में कमी आयेगी।