दिल्ली सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की पुरजोर कोशिश में लगी है। निजी स्कूलों का मनमाने ढंग से फीस बढ़ाना और स्कूलों द्वारा पैरेंट्स का आर्थिक शोषण करने जैसे मसलों पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार ने बड़ी सफलता पाई है। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें मनमाने ढंग से बढ़ाई गई फीस अभिभावकों को वापस न लौटाने पर स्कूलों के टेकओवर की बात कही गई है। जी हां, सरकार अब चाहे तो उन स्कूलों का टेकओवर कर सकती है जिन्होंने सरकार के उस आदेश की अवमानना की है जिसमें कहा गया था कि अभिभावकों से ली गई अतिरिक्त फीस स्कूल वापस करे।
दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को दिशा निर्देश जारी कर दिया था कि जिन जिन निजी स्कूलों ने अभिभावकों से अतिरिक्त फीस लिया है वो उन्हें वापस लौटा दें। इस बाबत 1108 निजी स्कूलों की जांच की गई थी। इनमें से 544 स्कूलों ने अभिभावकों से ज्यादा फीस लिया था। लेकिन आदेश के बाद 17 स्कूलों ने बढ़ी हुई फीस वापस लौटा दी।
लेकिन अब बाकी बचे हुए सैकड़ों स्कूलों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने टेकओवर करने का फैसला लिया है और इसी को लेकर उपराज्यपाल ने भी आदेश दे दिए हैं। बता दें कि स्कूलों की बढ़ी हुई फीस दिल्ली और एनसीआर में बड़ा मुद्दा है। केजरीवार सरकार ने इसे लेकर साफ तौर पर कहा था कि अभिभावकों की लूट सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार ने स्कूलों को अनिल देव सिंह कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने का भी आदेश दिया है।