अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा एक गांव को बसाए जाने की खबर को लेकर भारत के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई हैं। एक पार्टी दूसरी पार्टी पर तंज कसते हुए नहीं थक रही है। कांग्रेस पार्टी बीजेपी को दोषी बता रही है तो बीजेपी, कांग्रेस पार्टी को दोषी साबित कर रही है।
बीजेपी शासित राज्य को अरुणाचल प्रदेश को चीन अपना इलाका मानता है। एक अधिकारिक टीवी चैनल के अनुसार, चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में एक नया गांव बसाया है और इसमें करीब 101 घर हैं।
ये खबर सामने आते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भाजपा सांसद तापिर गाओ के दावों पर सोमवार को सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें गाओ ने कहा था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के भीतर विवादास्पद क्षेत्र में सौ घरों के एक गांव का निर्माण कर लिया है। इसके बाद चिदंबरम ने कहा कि अगर भाजपा सांसद के दावे सही हैं तो क्या सरकार चीन को क्लीन चिट देकर पूर्ववर्ती सरकारों को दोषी ठहराएगी।
कांग्रेस के हमले के बाद अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने पलटवार किया है और कांग्रेस से पूछा है कि 80 के दशक से चीन हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा, फिर कांग्रेस ने उस वक्त कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
तापिर ने आगे कहा कि, तत्कालीन सेना प्रमुख ने चीनी सेना की टुकड़ी को पीछे धकेलने के लिए एक ऑपरेशन की योजना बनाई थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक से ही चीन इन इलाकों में सड़क का निर्माण कर रहा है।
तापिर ने मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा कि, उन्होंने उस सीमा तक सड़क का निर्माण नहीं किया और 3-4 किमी के एक बफर ज़ोन को छोड़ दिया था, जिस पर चीन ने कब्जा कर लिया था। नए गांवों का निर्माण कोई नई बात नहीं है, यह सब कांग्रेस से विरासत में मिला है। मोदी सरकार से अपील करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि आज उन्होंने गांव बनाया होगा और भी चीजें बनाते जाएंगे, अगर हम इसका कोई हल नहीं निकालते। भारत सरकार चीन की सरकार के साथ चर्चा करे और मेक मैकमोहन लाइन के आधार पर हम सीमा-निर्धारण करें और एग्रीमेंट करें।
बता दे कि, अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक गांव बनाने की खबरों पर सतर्कता पूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने सोमवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले समस्त घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है।