Swadesh Conclave 2025: सांसद मनोज तिवारी ने धैर्य और निरंतर प्रयास को बताया अपनी सफलता का मूलमंत्र

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बालाजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वदेश कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया गया। इस वर्ष की थीम है– “Transforming Bharat”। इस आयोजन में भारत की सामूहिक दृष्टि और भविष्य की दिशा को एक साझा मंच पर प्रस्तुत किया गया, जिसमें नीति-निर्माताओं, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, मीडिया हस्तियों, कलाकारों, सामाजिक नेताओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी रही।

स्वदेश कॉन्क्लेव में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रदीप राय ने कहा कि एआई डॉक्टरों, वकीलों और पत्रकारों के सभी मुख्य कार्यों को नहीं छीनेगा। उन्होंने कहा कि एआई मददगार ज़रूर होगा, लेकिन जाँच नहीं कर सकता। ब्लिंकिट, गूगल पे आदि ऐसी चीज़ें थीं जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, ये सभी नवाचार तकनीक के ज़रिए लाए गए थे। महामारी के दौरान अदालतों में वर्चुअल सुनवाई तकनीक की उपलब्धता के कारण ही हुई। अब यह आम बात हो गई है, जिससे दूरियाँ अतीत की बात हो गई हैं। ट्रैफ़िक चालान कैमरों और फेस रिकग्निशन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए अपने आप जेनरेट हो जाते हैं। अमेरिकी कंपनियों का एकाधिकार एक समस्या होगी। गूगल ने तब तक एप्पल के साथ डेटा साझा करने से इनकार कर दिया जब तक कि अदालत ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया। डेटा के बिना, एआई का कोई अस्तित्व नहीं है।

KSFE के मैनेजिंग डायरेक्टर एसके सनिल ने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए सूक्ष्म-वित्त संस्थानों की आवश्यकता है। बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक ने उस देश में सफलता हासिल की है। उनके इस नवाचार ने उन्हें नोबेल पुरस्कार दिलाया, जिसने देश में गहरा प्रभाव डाला। माइक्रो फाइनेनसिंग देश को बदलने की मुहिम में गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद कर सकता है।

कार्यक्रम में लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने प्रदीप राय और राजश्री राय की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज उनकी यह उपलब्धि प्रेरित करती है कि प्रयास करने से सबकुछ हो सकता है। मनोज तिवारी ने कहा कि वे बीते 5-6 सालों से स्वदेश का हिस्सा बनते रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए व्यक्ति में धैर्य का होना बहुत जरूरी है। लगातार प्रयास करने की ललक होनी चाहिए। Keep Trying With Humility and Honesty.