Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की स्थापना आदि के मामलों की सुनवाई अब 15 अप्रैल के बाद होगी। इस मामले की सुनवाई आज होने वाली थी, लेकिन किसी कारणवश वह टल गई।
मामले में दोषी व्यक्तियों को विधायिका और कार्यपालिका से हटाए जाने को लेकर एक याचिका शीर्ष अदालत में दायर की गई है। मामले की सुनवाई के दौरान गुवाहाटी हाईकोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से आवेदन कर माननीयों के खिलाफ दाखिल मामलों के लिए न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग की गई है।जिसकी अनुमति कोर्ट ने दे दी।
Supreme Court: इस मामले में 16 वीं रिपोर्ट दाखिल
इस मामले में एमिकस विजय हंसरिया ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर अपनी 16वीं रिपोर्ट दाखिल की है। उस पर कोर्ट से आदेश जारी करने की मांग की है। CJI ने कहा कि माननीयों के खिलाफ मामले लंबित हैं और कार्यवाई से दूर हैं लेकिन जब आप सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हैं, तो सबकुछ आपको जल्दी चाहिए।मामले में सुनवाई हो रही है, हम आदेश जारी किए जा रहे हैं। थोड़ा इंतजार कीजिए। मामले की सुनवाई कर रही बेंच की उपलब्धता को भी देखना होगा। हम इसके बारे में 15 अप्रैल के बाद देखेंगे।
Supreme Court: कुल 4,984 मामले लंबित
शीर्ष अदालत में दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ अब तक कुल 4,984 मामले लंबित हैं। अदालत ने फरवरी की शुरुआत में बताया था कि सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ कुल 4,984 मामले लंबित हैं, जिनमें 1,899 मामले पांच वर्ष से अधिक पुराने हैं।
ध्यान योग्य है कि दिसंबर 2018 तक कुल लंबित मामले 4,110 थे और अक्टूबर 2020 तक ये 4,859 हो गए।अधिवक्ता स्नेहा के माध्यम से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया था कि चार दिसंबर 2018 के बाद 2,775 मामलों के निस्तारण के बावजूद सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामले 4,122 से बढ़कर 4,984 हो गए। इससे पता चलता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक से अधिक लोग संसद और राज्य विधानसभाओं में पहुंच रहे हैं।
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