भारत देश ने एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसके लिए आज भारतीय जनता अपने रक्षा विभाग की टीम पर गर्व महसूस कर रही हैं। बुधवार को विश्व की सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का पहली बार परीक्षण किया गया। इसका टेस्ट भारतीय वायुसेना के सुखोई-30-एमकेआई लड़ाकू विमान से किया गया, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। भारत के लिए ख़ुशी की बात ये है कि विश्व के अन्य सभी देशों को हराकर भारत विश्व का पहला ऐसा देश बन गया है जिसके पास ज़मीन, समुद्र और हवा, में उपयोग की जाने वाली ऐसी सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल हैं। जिससे दुश्मनों को धूल चटाकर, अच्छा सबक सिखाया जा सकता हैं।
इस विश्वरिकॉर्ड की बधाई रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने डीआरडीओ को ट्विटर के जरिए दी हैं-
India creates a world record and completes Supersonic Cruise Missile Triad by successfully testing #BRAHMOS #ALCM from Indian Air Force Sukhoi-30MKI fighter aircraft. Smt @nsitharaman congratulates Team Brahmos & @DRDO_India for this historic achievement.
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) November 22, 2017
ब्रह्मोस एक ऐसी मिसाइल है जो बाकी मिसाइल की अपेक्षा कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए ये कभी रडार की पकड़ में नहीं आती है। इस परिक्षण के लिए 2.4 टन के हल्के ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया गया था, जबकि इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का असल वजन 2.9 टन होता है।
इस सफल परीक्षण की बधाई बुधवार को रक्षामंत्री सीतारमण ने दी और बताया-कि मिसाइल को सुखोई-30-एमकेआई या एसयू-30 विमान के फ्यूज़लेज से गिराया गया। दो चरणों में काम करने वाला मिसाइल का इंजन चालू हुआ और वह बंगाल की खाड़ी में स्थित अपने टारगेट की तरफ बढ़ गई। मंत्रालय का कहना है कि इस परीक्षण से भारतीय वायुसेना की हवाई युद्ध की ऑपरेशनल क्षमता खासी बढ़ जाएगी।