Axiom-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा, 28 घंटे की उड़ान के बाद 14 दिन स्पेस स्टेशन पर

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Axiom-4 mission Launch Live
Axiom-4 mission Launch Live

भारत एक बार फिर अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के बहादुर टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर रवाना होने को तैयार हैं। 41 वर्षों बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में कदम रखने जा रहा है, और यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंचेगा। इस मिशन को ‘मिशन आकाश गंगा’ नाम दिया गया है और यह Axiom Space की एक निजी पहल है।

लॉन्च की टाइमलाइन

Axiom-4 मिशन की शुरुआत 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होगी। इस मिशन में SpaceX का क्रू ड्रैगन C213 यान प्रयोग किया जाएगा, जो चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ओर उड़ान भरेगा।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक का सफर

लॉन्च के बाद ड्रैगन यान लगभग 28 घंटे यानी 1 दिन, 3 घंटे और 23 मिनट की यात्रा तय करेगा। इसके बाद 26 जून को शाम करीब 4:30 बजे यह यान अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा। डॉकिंग की प्रक्रिया का मतलब होता है यान का ISS से पूरी तरह से जुड़ जाना।

14 दिनों का वैज्ञानिक मिशन

Axiom-4 के अंतरिक्ष यात्री ISS पर लगभग 14 दिन बिताएंगे। इस अवधि के दौरान वे कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। यह Axiom मिशनों में अब तक की सबसे बड़ी रिसर्च पहल होगी, जिसमें माइक्रोग्रैविटी वातावरण में कई तरह के प्रयोग किए जाएंगे। यह मिशन लो-अर्थ ऑर्बिट में होने वाले वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिहाज़ से बेहद अहम है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना को भी दर्शाता है।

कई रिकॉर्ड बनते दिखेंगे

शुभांशु शुक्ला भारत के पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री होंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचेंगे, और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले केवल दूसरे भारतीय होंगे।

इस मिशन के ज़रिए कुछ और देश भी ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज करने जा रहे हैं:

स्लावोज उज़्नान्स्की, जो यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के अंतर्गत जा रहे हैं, 1978 के बाद स्पेस में जाने वाले पोलैंड के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे।

टिबोर कापू हंगरी के लिए 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।

वहीं पैगी व्हिटसन, जो इस मिशन की कमांडर हैं, अपने दूसरे कमर्शियल स्पेस मिशन की कमान संभालेंगी और अंतरिक्ष में बिताए कुल समय के अपने रिकॉर्ड को और आगे ले जाएंगी।

Axiom-4 मिशन न केवल भारत बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।