राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों को नियुक्त करने का उनका फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राकांपा की नेतृत्व टीम के पास देशभर में पार्टी के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त लोग हों।
प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद पवार ने आज कहा, “देश में स्थिति ऐसी है कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति को देना गलत होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या पटेल और सुले को नियुक्त करने का निर्णय उनके भतीजे अजीत पावत को बुरा नहीं लगेगा? इस पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनका भतीजा पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां संभाल रहा है।
बता दें कि अजीत पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। विदित हो कि अजीत पवार ने 2019 में भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और देवेंद्र फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
वहीं आज अजित पवार इस घोषणा से काफी खफा नजर आए और पत्रकारों से बात किए बिना ही मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय से निकल गए। पटेल, जो घोषणा से हैरान थे, ने कहा कि वह पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं 1999 से पवार साहब के साथ काम कर रहा हूं। इसलिए, यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। बेशक, मैं कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत होकर खुश हूं। मैं पार्टी के लिए काम करना जारी रखूंगा।”
पवार ने पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, गोवा और राज्यसभा का एनसीपी का प्रभारी बनाया है। वहीं सुले महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में एनसीपी मामलों और महिलाओं, युवाओं, छात्रों और लोकसभा से संबंधित मुद्दों की प्रभारी होंगी।