वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला आज अपने 77वें जन्मदिन पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इससे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियों को झटका लग सकता हैं, जो कि राज्य सरकार के खिलाफ हुए दलित और पाटीदार आंदोलनो की वजह से उत्साहित लग रही थी। वाघेला ने अपने जन्मदिन के अवसर पर एक बड़े सामारोह का आयोजन किया है, जिसमें कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के विधायकों को आमंत्रित किया गया है। इस आयोजन के दौरान वह दोपहर में दो बजे पत्रकारों से बात करेंगे और संभावना जताई जा रही है कि इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वह कुछ अहम घोषणा कर सकते हैं।
पूरे गुजरात में ‘बापू’ के नाम से प्रसिद्ध शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। वह चाहते थे कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस उनको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। कांग्रेस का मानना है कि इससे राज्य के अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता यानी राज्य कांग्रेस प्रमुख भरत सिंह सोलंकी और पूर्व नेता विपक्ष शक्ति सिंह गोहिल और अर्जुन मोढवाडिया नाराज हो सकते हैं। वाघेला अभी कुछ दिनों से कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली में थे, पर इसका भी कोई वांछित परिणाम नहीं निकला।
इस कारण से लग रहा है कि वे कांग्रेस छोड़कर या तो भाजपा में शामिल हो सकते हैं या फिर जिग्नेश मवानी, हार्दिक पटेल और एनसीपी के साथ एक तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं। अगर ऐसा कुछ भी होता है तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है, जो कि एंटी-इनकम्बेसी, दलित आंदोलन और पाटीदार आंदोलन की वजह से कहीं ना कहीं पिछड़ती हुई नजर आ रही थी।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि वाघेला के साथ कुछ दूसरे कांग्रेसी नेता और विधायक कांग्रेस छोड़ सकते हैं। यह संभावना तब और प्रबल हो जाती है जब कल संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के मतगणना में राज्य कांग्रेस के 57 विधायकों में से आठ ने क्रॉस वोटिंग की थी। आज देखने वाली बात होगी कि वाघेला की बड्डे पार्टी में कौन सा सियासी केक कटता है।