संसद भवन परिसर के गेट पर शुक्रवार को हड़कंप मच गया। दरअसल, गेट नं.-1 पर हमले या किसी आपात स्थिति में बजने वाला सुरक्षा अलार्म बज गया। जिसके बाद सभी जवानों ने अपनी पोजीशन ले ली। संसद में कार्यवाही के दौरान यह घटना हुई थी। बताया जा रहा है कि संसद में मौजूद सभी सांसद घबरा गए थे। हालांकि, थोड़ी देर बाद पता चला कि एक कार गलती से गेट से टकरा गई थी। फिर वहां मौजूद जवानों ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर, 2001 में संसद पर आतंकी हमला हुआ था। उस समय भी आतंकी एक कार में ही सवार होकर संसद परिसर में घुस गए थे और अंधाधुध फायरिंग करने लगे थे।
उस दिन भी संसद की कार्यवाही चल रही थी। दोनों सदन गोलीबारी से करीब 40 मिनट पहले ही स्थगित हुए थे। इसी बीच सुबह करीब 11.25 पर एके-47 और हैंड ग्रेनेड से लैस पांच आतंकियों ने हमला बोल दिया। आतंकी कार में सवार थे।
आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हो गए थे। साथ ही 16 जवान इस मुठभेड़ में घायल भी हुए थे।
संसद भवन पर में कोई आंच न आए, इसलिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी और सभी आतंकियों को मार गिराया। इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा को पूरी तरह से बदला गया और सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई।